यूपी कैबिनेट की मंगलवार को लोकभवन में हुई बैठक में मौजूद सीएम योगी, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व अन्य मंत्रीगण।
लखनऊ, । योगी कैबिनेट ने मंगलवार को प्रदेश के पहले एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना का अहम निर्णय लिया है। यह सेंटर पीजीआई में स्थापित किया जाएगा। यह प्रदेश का पहला ऐसा सेंटर होगा, जहां बच्चों से जुड़ी सभी बीमारियों का इलाज अलग-अलग पीडियाट्रिक एक्सपर्ट करेंगे। यह सुविधा अभी तक प्रदेश के किसी भी इंस्टीट्यूट और मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध नहीं है। इसके लिए योगी सरकार 199 करोड़ 10 लाख 52 हजार रुपये खर्च करेगी।
बच्चों के बेहतर इलाज के लिए थी आवश्यकता एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. डॉ. आरके धीमान ने बताया कि योगी सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया था, जिसे मंगलवार को कैबिनेट में मंजूरी दे दी गयी। ऐसे में पीजीआई में 575 बेड का एडवांस्ड पीडियाट्रिक सेंटर की स्थापना की जाएगी, जिसमें 20 से अधिक विभाग और 6 यूनिट काम करेंगी। सेंटर की स्थापना दो फेज में की जाएगी। पहले फेज में 310 बेड की स्थापना की जाएगी, जिसमें 12 विभाग और 4 यूनिट काम करेंगी।डा. धीमान ने बताया कि इनमें जनरल पीडियाट्रिक, पीडियाट्रिक एंकोलॉजी, पीडियाट्रिक इमरजेंसी, पीडियाट्रिक क्रिटिकल केयर, पीडियाट्रिक सर्जरी, पीडियाट्रिक गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी, पीडियाट्रिक इंडोक्राइनोलॉजी आदि विभाग शामिल हैं जबकि यूनिट में पीडियाट्रिक पल्मोनोलॉजी, पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, डे केयर और मेडिकल जेनेटिक शामिल हैं। वहीं पहले फेज में 60 बेड जनरल पीडियाट्रिक के होंगे। दूसरे फेज में 9 विभाग और 2 यूनिट काम करेंगी। इनमें पीडियाट्रिक नेफ्रोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, पीडियाट्रिक यूरोलॉजी और पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक एंड फिजीकल मेडिसिन आदि विभाग शामिल हैं ।
लखनऊ,। कैबिनेट ने ई-नाम योजना जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने की व्यवस्था है, को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश के बाहर के व्यापारियों को भी यूपी में कारोबार के लिए मंडी एक्ट में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे अब प्रदेश के बाहर के व्यापारी भी यहां का लाइसेंस लेकर प्रदेश के किसानों के साथ कारोबार कर सकते हैं। इसके लिए उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी नियमावली को संशोधित कर अब उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी नियमावली-2023 प्रख्यापित किया जा सकेगा।
इसमें बाहरी व्यापारियों को एक विशेष सुविधा यह होगी कि अगर वे दूसरे प्रदेश में पंजीकृत होंगे या लाइसेंसधारी होंगे तो उस आधार पर ही बिना किसी अन्य कागजात के यूपी में लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। यह व्यवस्था पारस्परिक होगी, अर्थात उत्तर प्रदेश के व्यापारी भी अन्य प्रदेशों में अपने कृषि उत्पादों का क्रय-विक्रय कर सकेंगे। प्रदेश में स्थानीय व्यापारियों को यूपी की मंडियों में कारोबार के लिए पहले लाइसेंस लेना होता है। संशोधित नियमावली के बाद बाहरी व्यापारियों को उनके गृह राज्य के लाइसेंस के आधार पर ही यूपी का भी लाइसेंस जारी किया जा सकेगा। दूसरे राज्यों के व्यापारियों को यूपी का तथा यूपी के कारोबारियों को दूसरे राज्यों का लाइसेंस प्राप्त हो जाने से कृषिकों को राष्ट्रीय बाजार मिलेगा।