लखनऊ। 69 हजार शिक्षक भता क एक अंक विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ की सख्ती के बाद याची को एक अंक देकर विभाग ने योग्य घोषित कर दिया। वहीं, पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के बीते 28 नवंबर के आदेश के समान आदेश दिया कि इसके तहत अन्य अभ्यर्थियों को भी एक अतिरिक्त अंक देने की प्रक्रिया दो माह में पूरी कर ली जाए। आदेश का पालन होने पर कोर्ट ने दो अफसरों के खिलाफ अवमानना मामला खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने यह आदेश अभ्यर्थी सुरंगमा शुक्ला की याचिका पर दिया। इससे पहले कोर्ट ने सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल और परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल
भूषण चतुवदा पर अवमानना का आराप निर्धारित कर दिया था। कोर्ट ने दोनों को अवमानना के आरोप का स्पष्टीकरण देने का समय देकर 19 दिसंबर को तलब किया था।
याची का कहना था कि 20 दिसंबर, 2021 को शैक्षिक परिभाषा वाले प्रश्न पर रिट कोर्ट ने अभ्यर्थियों को एक अतिरिक्त अंक देते हुए मेरिट के अनुसार नियुक्ति का आदेश दिया था। लेकिन, अभी तक आदेश का पालन नहीं हुआ। जबकि इस फैसले के खिलाफ सरकार की विशेष अनुमति याचिका खारिज होने के बाद रिट कोर्ट का निर्णय पुष्ट हो गया है। इससे करीब 1000 अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में है।
बीते मंगलवार को सरकारी वकील ने हलफनामा दाखिल कर कहा था कि याची को एक अतिरिक्त अंक प्रदान किया गया है। इससे अब वह 90 अंक पाकर योग्य घोषित कर दी गई है। संवाद
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के एक अंक विवाद मामले में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बेसिक शिक्षा विभाग को संशोधित नंबर के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार कर प्रक्रिया पूर्ण करने का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट ने 22 नवंबर को बेसिक शिक्षा बोर्ड के सचिव प्रताप सिंह बघेल व परीक्षा नियामक प्राधिकरण के सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पर अवमानना का आरोप तय किया था। इसके बाद त्वरित कार्रवाई करते हुए याची को एक अतिरिक्त अंक दे दिए गए। इस सम्बंध में 15 दिसम्बर का आदेश प्रस्तुत करते हुए न्यायालय को यह जानकारी दी गई।
इस पर न्यायालय ने सम्बंधित अवमानना याचिका को खारिज कर दिया, साथ ही विभाग को संशोधित नंबर के आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार कर प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान की एकल पीठ ने याची सुरंगमा की अवमानना याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने कहा, समय पर प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जाती तो याची अवमानना याचिका के पुनर्स्थापन के लिए प्रार्थना पत्र दे सकती है।
अधिकारियों पर अवमानना के लगे थे आरोप
उक्त भर्ती परीक्षा में शैक्षिक परिभाषा संबंधी एक प्रश्न पर एक अंक बढ़ाते हुए मेरिट कट ऑफ गुणांक के अनुसार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का आदेश रिट कोर्ट ने पारित किया था। इस आदेश के विरुद्ध सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी, लेकिन 9 नवंबर 2022 को अपील खारिज हो गई। बावजूद इसके रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा था, जिसके बाद न्यायालय ने 22 नवंबर को उपरोक्त अधिकारियों के विरुद्ध अवमानना के आरोप तय किए थे।