विद्यालयों का जीर्णोद्धार व अन्य अवस्थापना सुविधाओं का होगा विकास
लखनऊ। प्रदेश के 286 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों (एडेड) को प्रोजेक्ट अलंकार से संवारा जाएगा। इन विद्यालयों की चयन प्रक्रिया पूरी कर संयुक्त खाता खुलवाया जा रहा है। जनवरी के पहले सप्ताह में सीएम के हाथों इसका बजट जारी कराने की तैयारी है। 125 करोड़ के बजट से चयनित विद्यालयों का जीर्णोद्धार, पुर्ननिर्माण, नए निर्माण व अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
प्रदेश में करीब 5480 एडेड माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें कई विद्यालय काफी पुराने हैं, लेकिन बजट के अभाव में इनका जीर्णोद्धार व नई कक्षाओं के निर्माण जैसे काम नहीं हो पा रहे थे। इसे देखते हुए शासन ने प्रोजेक्ट अलंकार के तहत इनके कायाकल्प की योजना बनाई है। इसके तहत कॉलेजों से आवेदन मांगे गए। योजना के तहत इन विद्यालयों में अवस्थापना
सुविधाओं के विकास पर खर्च
होने वाली राशि का 75 फीसदी शासन और 25 फीसदी संबंधित विद्यालय के प्रबंधन को वहन करना होगा। पहले चरण में 286 एडेड माध्यमिक विद्यालयों के लिए लगभग 125 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। प्रत्येक विद्यालय में लगभग 40-50 लाख रुपये से काम कराए जाएंगे।
इसके लिए विद्यालय की ओर से स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी व प्रबंधन का संयुक्त खाता खोलने की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री के हाथों जनवरी के पहले सप्ताह में इस योजना के शुभारंभ व बजट जारी कराने की तैयारी है। यह पहली बार होगा जब सीएम
एडेड कॉलेजों के लिए राशि जारी करेंगे। अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा
निदेशक को सीएम के कार्यक्रम को देखते हुए समय से आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं।
दूसरे चरण के लिए मांगे गए प्रस्ताव
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने बताया कि पहले चरण में 286 माध्यमिक विद्यालयों का चयन हुआ है। इनको बजट जारी करने की आवश्यक प्रक्रिया पूरी की जा रही है। दूसरे चरण के लिए भी विद्यालयों से प्रस्ताव मांगे गए हैं। दूसरे चरण में भी नियमों को पूरा
करने वाले विद्यालयों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
■ स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही से वंचित रहे विद्यालय
: पहले चरण में चयनित 286 विद्यालयों में संत कबीर नगर समेत कुछ जिलों के एक भी विद्यालय नहीं हैं। उप्र. माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के मंडलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने आरोप लगाया कि स्थानीय अधिकारियों की लापरवाही से उनके जिले का एक भी विद्यालय योजना में शामिल नहीं हो पाया। जबकि आधा दर्जन से अधिक विद्यालयों ने आवेदन किया, लेकिन समय से एस्टीमेट न मिलने से उनका चयन नहीं हो सका। कुछ कॉलेजों की पत्रावली भी अधूरी रही।
लखनऊ मंडल के 22 विद्यालय शामिल
पहले चरण में चयनित विद्यालयों में लखनऊ मंडल के 22, गोरखपुर मंडल के 47, मेरठ मंडल के 61, कानपुर मंडल के 21, प्रयागराज मंडल के 36, अलीगढ़ मंडल के 5, आगरा के 7, आजमगढ़ के 4, अयोध्या के 9, वाराणसी के 8, देवीपाटन के 15, सहारनपुर के 3, चित्रकूट धाम के 3, मुरादाबाद के 21, बस्ती के 5, बरेली के 8, झांसी मंडल के 8 विद्यालय शामिल हैं।