लखनऊ, । केजीएमयू में शिक्षक भर्ती अटक गई है। सदन में मामला उठने के बाद केजीएमयू प्रशासन ने दिसंबर में प्रस्तावित साक्षात्कार स्थगित कर दिया है। शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमों की अनदेखी का आरोप लगे हैं। इस संबंध में राजभवन ने जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही भर्ती से संबंधित दस्तावेज तलब किए गए हैं।
केजीएमयू में जुलाई 2022 में शिक्षकों के 141 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया था। आरोप हैं कि विज्ञापन में आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया गया। इसको लेकर तमाम संगठनों ने अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत की। किरकिरी से
- जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई ने सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली है. वह देश के 52वें चीफ जस्टिस बन गए हैं
- पूर्व रक्षा सचिव अजय कुमार को संघ लोक सेवा आयोग UPSC का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में योजित याचिका संख्या-5146/2024 प्रतिमा वर्मा व अन्य बनाम उ०प्र० राज्य व अन्य के सम्बन्ध में।
- शैक्षिक सत्र 2024-25 में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में
- 413 शिक्षकों को मिलेगा जिले से बाहर स्थानांतरण का मौका
बचने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने नया विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद भी शिकायतों का सिलसिला खत्म नहीं हुआ। आरोप हैं कि आरक्षण के नियमों की लगातार अनदेखी हो रही है। शिक्षक भर्ती में आरक्षण के नियमों की अनदेखी का मसला गुरुवार को सदन में उछला। मामले की जांच शुरू
हो गई है। भर्ती संबंधित सभी कागज राजभवन के पास भेजकर केजीएमयू अपना पक्ष रखेगा। आनन-फानन में केजीएमयू प्रशासन ने कार्यपरिषद की बैठक स्थगित कर दी। दिसंबर में प्रस्तावित साक्षात्कार भी टाल दिए हैं। इससे पहले सांसद कौशल किशोर भी आरोप लगा चुके हैं।
