मथुरा। एसटीएफ द्वारा वर्ष 2018 में शिक्षक भर्ती घोटाले का पर्दाफाश करने बाद फिर हलचल शुरू हो गई है। एक सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी के बाद मास्टरमाइंड लिपिक पर भी अब बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। इसके अलावा विभिन्न भर्तियों के 42 शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी होने की शिकायत चल रही है। इनकी गर्दन पर भी तलवार लटकी है।
वर्ष 2018 में एसटीएफ ने परिषदीय विद्यालयों में 29334 विज्ञान, गणित शिक्षक भर्ती में फर्जी शिक्षकों की भर्ती होने के घोटाले का पर्दाफाश किया था। 108 शिक्षक फर्जी पाए गए थे। इन पर एफआईआर हुई थी। इसके अलावा 86 प्रधानाध्यापक निलंबित किए गए, बाद में इनको बहाली दे दी गई थी। इस भर्ती के एक मास्टर माइंड रविंद को बर्खास्त करने के बाद फिर फर्जी शिक्षकों में खलबली मचना शुरू हो गया है।
रविंद्र की तैनाती प्राथमिक विद्यालय नगला हरिया, फरह में थी। इसी घोटाले में शामिल चिदानंद उर्फ चेतन और लिपिक महेश शर्मा पर भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है। चेतन की तैनाती पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय माडल स्कूल, बहुआ, फतेहपुर में हैं। इनकी भी बर्खास्त भी हो सकती है।
इसके अलावा विभिन्न भर्तियों के 42 शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्र भी फर्जी होने की आशंका है। यह शिक्षक वर्ष 2008 से 2018 तक भर्ती हुए हैं। इनकी जांच भी एसटीएफ ने निर्देश पर की जा रही है। अभी आधे शिक्षकों ने ही अपने पक्ष रखे हैं। इन जांचों से फर्जी शिक्षकों में खलबली मची है। यह शिक्षक विश्वविद्यालय में भी जुगाड़ लगा रहे हैं, ताकि दस्तावेजों को फर्जी तरीके से प्रमाणित किया जा सके । इसके अलावा भी और शिक्षक फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे हैं, इनकी जांच होने पर सामने आ सकते हैं। मास्टरमाइंड कोशिश कर रहे हैं कि जांच अब आगे न बढ़े।
फर्जी शैक्षिक दस्तावेजों के सहायक शिक्षक बनने के जो प्रकरण सामने आए हैं, उनमें जांच चल रही है। जांच के बाद ही निर्णय लिया जा सकता है। सुनील दत्त- बीएसए