एक लाख रुपये ग्रांट पाने का हकदार नहीं जिले का एक भी स्कूल
हमीरपुर। जिले के 968 परिषदीय विद्यालयों में एक भी स्कूल कंपोजिट ग्रांट के तहत एक लाख रुपये पाने का हकदार नहीं है। शासन स्तर से जारी लिस्ट के मुताबिक सबसे अधिक 100 से 150 के बीच 407 विद्यालय हैं। इन स्कूलों को कंपोजिट ग्रांट के तहत 50 हजार रुपये दिए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग ने जिले 968 विद्यालयों को 3.72 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है। बता दें कि कंपोजिट स्कूल ग्रांट की धनराशि को पांच श्रेणियों में बांटा गया है। इसके तहत एक से 15 छात्र संख्या वाले स्कूलों को साढ़े 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसी श्रेणी में जिले के सिर्फ 88 ही स्कूल हैं। 100 से अधिक व 250 से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की संख्या 407 है, इन स्कूलों को 50 हजार रुपये मिलेंगे। 250 से अधिक व एक हजार से कम छात्र संख्या वाले जिले में कुल 83 विद्यालय हैं।
इन स्कूलों को 75 हजार रुपये का ग्रांट मिल सकेगा। एक हजार से अधिक छात्र संख्या होने पर एक लाख रुपये की धनराशि दी जानी है, लेकिन जिले का एक भी परिषदीय स्कूल इस श्रेणी में नहीं आता है। स्कूलों में नामांकित बच्चों की छात्र संख्या के आधार पर जिले को धनराशि उपलब्ध करा दी गई है। शासन स्तर से जिले को कुल 3,72,50,000 रुपये की धनराशि मिली है। जिसे स्कूलों के खाते में भेजने की तैयारी चल रही है।
इस धनराशि से होंगे यह कार्य
जिला समन्वयक रवि श्रीवास्तव ने बताया कि आवंटन के सापेक्ष न्यूनतम 10 प्रतिशत राशि से छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार मल्टीपल हैंडवॉशिंग सिस्टम के साथ टोटियां स्थापित करते हुए नेलकटर, हैंडवॉश, सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। हैंडपंप/ सबमर्सिबल पंप के पास प्लेटफार्म व सोख्ता गड्ढे का निर्माण करने के साथ ही रसोईघर तक जलापूर्ति व निकासी के साथ बर्तनों को साफ करने के सामानों की खरीदारी की जाएगी।
शिक्षण सामग्री, शिक्षण सहायक सामग्री, फर्स्ट एड बाक्स में दवाएं, अग्निशमन यंत्र की रीफिलिंग, निष्क्रिय उपकरण बदलने, रंगाई-पुताई व वॉलपेटिंग के साथ प्लास्टर, कुर्सी-मेज, झूला व अन्य के बैठने के साथ ही 75 हजार ग्रांट वाले विद्यालयों में टाइल्स के कार्य पूरे किए जाएंगे।
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दुरुपयोग पर होगी कार्रवाई
बीएसए आलोक सिंह ने बताया कि सभी खंड शिक्षाधिकारी व प्रधानाध्यापकों को पत्र जारी किया गया है। इसमें आवंटित राशि का उपभोग क्रय करने को कहा है। साथ ही राशि का उपभोग करते हुए उपभोग प्रमाणपत्र व फोटोग्राफ कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया गया है। कहा कि जांच में राशि के दुरुपयोग होने या नियमानुसार कार्य न होने पर रिकवरी के साथ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।