नई दिल्ली। कामकाजी पेशेवरों की डिग्री और डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी करवाने के लिए अगले सत्र से सभी इंजीनियरिंग कॉलेज शाम को कक्षा लगाएंगे। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने नियमों में बदलाव करते हुए शैक्षणिक सत्र 2024-25 से शाम की शिफ्ट में पढ़ाई करवाने का फैसला लिया है। इससे पहले नवंबर 2023 में शुरू इस योजना में सिर्फ 137 कॉलेजों को पेशेवरों के लिए इवनिंग शिफ्ट शुरू करने की मंजूरी मिली थी।
एआईसीटीई के सदस्य सचिव प्रोफेसर राजीव कुमार ने बताया कि मार्केट डिमांड के आधार पर आज सभी को ‘स्किल, रि-स्किल, अपस्किल” करने की जरूरत है। इसीलिए पॉलिटेक्निक से डिप्लोमा पासआउट को बीटेक और आईटीआई पासआउट को डिप्लोमा पूरा करने का मौका दिया जा रहा है। ताकि समय के साथ वह अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। पहले चरण में चयनित 137 कॉलेजों में 306 कोर्स में बीटेक की 9180 सीट और 174 कॉलेजों में 360 कोर्स में डिप्लोमा के लिए 10,800 सीटों पर दाखिले को मंजूरी दी थी। लेकिन नए सत्र से तय सीटों पर पेशेवरों के दाखिला का नियम बदलने जा रहा है।
नए नियम में केंद्र सरकार की एनआईआरएफ और अंतरराष्ट्रीय क्यूएस रैंकिंग समेत अन्य नियमों को पूरा करने वाले सभी कॉलेज इन पेशेवरों को सीधे दूसरे वर्ष में दाखिला दे सकेंगे। इसके लिए सुबह की शिफ्ट में भी कक्षाएं चलेंगी। सुबह और शाम की शिफ्ट का फैसला कॉलेज अपने संसाधनों और पेशेवरों की सुविधा को
देखते हुए लेंगे। एनबीए से मान्यताप्राप्त कॉलेज ही खोल सकेंगे ऑफ-कैंपस : प्रोफेसर कुमार ने बताया कि पहली बार तकनीकी कॉलेजों के ऑफ कैंपस भी होंगे। इसमें पढ़ाई, शोध, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग में बेहतरीन प्रदर्शन वाले कॉलेज अपने राज्य में एक अन्य कैंपस यानी ऑफ-कैंपस खोल सकेंगे