नई दिल्ली। आयकर विभाग करदाताओं की सहूलियत के लिए लगातार नई-नई सुविधाएं ला रहा है। इसी कड़ी में विभाग ने अब डिस्कार्ड रिटर्न नाम की सुविधा शुरू की है। इसके तहत करदाता आयकर रिटर्न को दाखिल करने के बाद भी उसे खारिज कर सकते या वापस ले सकते हैं।
इसके लिए शर्त यह है कि करदाता ने उसे सत्यापित न किया हो। आईटीआर को वेरिफाई करने से पहले आयकर विभाग के रिकॉर्ड से हटाया जा सकता है। इसके बाद नई आईटीआर दाखिल की जा सकेगी। पहले, करदाताओं के पास दाखिल की गई आयकर रिटर्न को वापस लेने की व्यवस्था नहीं थी। आईटीआर में यदि कोई त्रुटि रह जाती थी तो संशोधित रिटर्न दाखिल करनी पड़ती थी। करदाता को फिर से वही लंबी प्रक्रिया दोहरानी पड़ती थी।
अभी ऐेसी थी प्रक्रिया संशोधित आईटीआर भरने के लिए पुरानी रिटर्न को सत्यापित करना जरूरी होता था। यानी अगर किसी करदाता ने रिटर्न दाखिल कर दी और बाद में किसी गड़बड़ी का पता चलता था तो उसे सही करने का तरीका यही था कि पहले वह उसी आईटीआर को सत्यापित करे। उसके बाद संशोधित रिटर्न दाखिल करें। ऐसे मामलों में कई बार विभाग की तरफ नोटिस भी भेजे जाते हैं।
ये शर्तें पूरी करनी होंगी
● आयकरदाताओं द्वारा भरा रिटर्न ऑनलाइन या ऑफलाइन सत्यापित नहीं किया हो।
● यह आयकर रिटर्न वित्त वर्ष 2023-24 के बाद का ही भरा होना चाहिए। सिर्फ एक अप्रैल 2023 के बाद के ही रिटर्न को वापस लिया जा सकता है
● पुरानी रिटर्न को डिस्कार्ड करने के बाद अगर नई रिटर्न तय तिथि के बाद भरेंगे तो नियमों के अनुसार जुर्माना लगेगा