परिषदीय स्कूलों में पदोन्नति की वरिष्ठता सूची जारी होने के बाद संगठन इसके विरोध में आ गए हैं। अनुसूचित जाति जनजाति बेसिक शिक्षक महासभा के पदाधिकारियों न बैठक कर आपत्ति जताई है। जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार गौतम व जिला मंत्री वेद प्रकाश मौर्य ने कहा कि पदोन्नति की गाइड लाइन गलत है, नियुक्ति पत्र की तिथि को वरिष्ठता का आधार गलत बताया गया है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुलन्दशहर
नियमविरूद्ध वरिष्ठता सूची के सम्बन्ध में। महोदय, आप अवगत है कि सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद, उ०प्र प्रयागराज के विभिन्न दिशा निर्देशों के परिप्रेक्ष्य में आपके कार्यालय द्वारा प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय एव स०अ० उ०प्रा०वि० के पदों पर पदोन्नति हेतु प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत स०अ० की वरिष्ठता सूची जारी की गयी है। वरिष्ठता सूची का अवलोकन किया गया तो ज्ञात हुआ कि जपनद में वरिष्ठता का निर्धारण आप द्वारा मौलिक (नियुक्ति पत्र जारी किये जाने की तिथि) नियुक्ति को आधार मानकर किया गया है। जो कि उ०प्र० बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 के प्रतिकूल है। मौलिक (नियुक्ति पत्र जारी किये जाने की तिथि) नियुक्ति को आधार मानकर जारी की जाने वाली वरिष्ठता सूची से ऐसे अध्यापकों की वरिष्ठता प्रभावित होगी जिनके द्वारा विद्यालय में अपनी सेवा नियुक्ति पत्र जारी करने के तुरन्त बाद प्रारम्भ की हो। आप द्वारा जारी वरिष्ठता सूची में कुछ ऐसे अध्यापकों को वरिष्ठ माना गया है जिनके द्वारा विद्यालय में अपनी सेवा बाद में प्रारम्भ की गयी है। उक्त के सम्बन्ध में आपसे अनुरोध है कि आप, आपके कार्यालय द्वारा जारी की गयी वरिष्ठता सूची को पुर्नावलोकन करने का कष्ट करें जिससे कि नियम संगत सूची जारी कर पदोन्नति की कार्यवाही पूर्ण की जा सके। यदि आपके द्वारा जारी पदोन्नति हेतु जारी वरिष्ठता सूची को उ०प्र० बेसिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 1981 में निर्दिष्ठ नियमों के अन्तर्गत जारी नहीं किया गया तो प्रार्थीगणों को मा० उच्च न्यायालय की शरण में जाने के लिये बाध्य होना पडेगा जिसका समस्त उत्तरदायित्व आपका होगा। धन्यवाद ।
दिनॉक 11.12.2023