फर्रुखाबाद : माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुदानित 63 विद्यालयों में 28 ने तदर्थ शिक्षकों संबंधी अभिलेख सत्यापन के लिए कार्यालय में जमा नहीं किए, जिससे तदर्थ शिक्षकों की खोज में विलंब हो रहा है। 35 विद्यालयों के अभिलेखों का सत्यापन हुआ तो पांच तदर्थ शिक्षक पाए गए, जिनका वेतन रोक कर 35 विद्यालय के अन्य शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन भुगतान कर दिया गया है। अभिलेख न देने से 28 विद्यालयों के शिक्षक व कर्मियों का वेतन भुगतान भी रुक गया है।
अनुदानित विद्यालयों में वर्ष 1993 से 2000 तक नियुक्त हुए जिन तदर्थ शिक्षकों का विनियमितीकरण नहीं हुआ है, उनकी सेवा समाप्त करने का आदेश शासन ने दिया है। डीआईओएस ने जिले में संचालित 63 अनुदानित विद्यालयों के प्रधानाचार्य से
तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति तिथि व विनियमितीकरण होने के आदेश को कार्यालय में जमा करने का आदेश दिया था। मात्र 35 स्कूलों ने अभिलेख उपलब्ध करा जांच कराई। इसमें पांच तदर्थ शिक्षक बिना विनियमितीकरण के मिलने पर उनका नवंबर माह का वेतन रोक कर अन्य का वेतन भुगतान कर दिया गया। 28 विद्यालयों के प्रधानाचार्य ने तदर्थ शिक्षकों के संबंध में कोई भी अभिलेख उपलब्ध नहीं कराए। जिससे इन विद्यालयों के तदर्थ शिक्षकों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। इन विद्यालयों का नवंबर माह का वेतन अभी भी रुका हुआ है। डीआईओएस नरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि अभिलेख उपलब्ध कराकर जांच कराने के बाद ही संबंधित विद्यालयों का वेतन भुगतान बिल पारित किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षक संघ की जिला कार्यकारिणी निर्विरोध निर्वाचित
जासं, फर्रुखाबाद : उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट की जिला कार्यकारिणी सर्वसम्मति से गठन की गई। लालाराम दुबे को 22वीं बार अध्यक्ष और नरेंद्र पाल सिंह को 21वीं बार जिला मंत्री निर्विरोध चुना गया। स्वामी रामानंद इंटर कालेज में निर्वाचन अधिकारी मोहित मनोहर की देखरेख में हुए चुनाव में 200 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संतोष दुबे, प्रदीप जायसवाल, प्रशांत मिश्र, रजनीश शिवा, बृजेश कुमार को जिला उपाध्यक्ष, मीनू आनंद को महिला जिला उपाध्यक्ष, शैलेष दुबे, संजीव सिंह चौहान, सतेंद्र सिंह, अवधेश यादव, दिनेश चंद्र, अनूप कुमार यादव, बलवन सिंह को संयुक्त सचिव बनाया गया।