बरेली। आलमपुर जाफराबाद में खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) से विवाद के बाद निलंबित प्रधानाध्यापक रामगोपाल वर्मा बुधवार को कलक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने डीएम से इच्छा मृत्यु की मांग की।
एडी बेसिक और बीएसए पर धमकाने, सबूत मिटाने और आईजीआरएस की निस्तारण रिपोर्ट पर धोखे से हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया। शिक्षक ने कहा कि बीईओ मुकेश कमल भारती ने उनसे कंपोजिट ग्रांट में से पांच हजार रुपये और मिड-डे मील की – कनवर्जन कास्ट में से दस फीसदी धनराशि देने की मांग की। मना करने पर बदसलूकी की, लेकिन अधिकारी मामले में बीईओ का पक्ष ले रहे हैं। मामले में सुनवाई के लिए एडी बेसिक ने उन्हें कार्यालय बुलाकर बर्खास्त करने की धमकी दी। अब तक बीईओ के खिलाफ जांच भी नहीं कराई गई।
आरोप निराधार हैं। शिक्षक ने कंपोजिट ग्रांट से कोई काम नहीं कराया। बीईओ से विवाद मामले की जांच मेरे पास थी। इसीलिए शिक्षक को बुलाया था। शिकायती पत्र में जिन सबूतों का जिक्र किया गया था, शिक्षक के पास मौजूद ही नहीं थे।
वह – विनय कुमार, एडी बेसिक मामले की जांच की जा रही है। गांव के पूर्व और वर्तमान प्रधान ने भी शिक्षक का विरोध किया है। विद्यालय के अन्य शिक्षकों ने भी बताया कि बात-बात में प्रधानाध्यापक वीडियो बनाकर धमकाते हैं। सारे साक्ष्य
प्रधानाध्यापक के खिलाफ हैं। जांच में स्थिति स्पष्ट होने के बाद कार्रवाई की जाएगी। संजय सिंह, बीएसए
बाबू ने मांगे 25 हजार
शिक्षक का कहना है कि अगस्त 2004 में नियुक्ति होने की वजह से वह पुरानी पेंशन के दायरे में आते हैं। इसके बावजूद भी उन्हें पेंशन का लाभ देने से मना किया गया है। कोर्ट से अनुमति के बाद भी अधिकारी इस पर सहमत नहीं इसके लिए बीएसए के बाबू ने उनसे 25 हजार रुपये मांगे। रुपये न देने की वजह से अब तक उनके खाते से जीपीएफ का पैसा नहीं कटता है