नई दिल्ली। अब कक्षा नौंवी से लेकर उच्च शिक्षा तक छात्र चुनावी प्रक्रिया पढ़ेंगे। छात्र जीवन से ही उन्हें लोकतंत्र में मतदाताओं की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूक किया जाएगा। स्कूल से लेकर उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों को लोकतंत्र, मतदान आदि की प्रक्रिया समझाने के लिए बाकायदा पाठ्यक्रम बनेगा। चुनावी प्रक्रिया की परीक्षा देने के बाद सर्टिफिकेट और डिग्री में उनके क्रेडिट भी जुड़ेंगे।
स्कूली शिक्षा से ही छात्रों को जागरूक करने के मकसद से चुनावी प्रक्रिया को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय निर्वाचन आयोग के बीच समझौता हुआ है। यूजीसी के सचिव प्रोफेसर मनीष जोशी की ओर से मंगलवार को इस संबंध में सभी राज्यों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पत्र भी लिखा गया है। इसमें चुनावी प्रक्रिया को पाठ्यक्रम में शामिल करने और उसके आधार पर क्रेडिट देने की बात की गई है। स्कूली शिक्षा के दौरान ही उन्हें चुनावी प्रक्रिया के बारे में पाठ्यक्रम के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इससे वे जागरूक होकर खुद मतदान करने के साथ आम लोगों को भी जोड़ेंगे। उच्च शिक्षण संस्थानों को चुनावी प्रक्रिया को पाठ्यक्रम में शामिल करने से पहले ट्रेनिंग के माध्यम से भारत निर्वाचन आयोग के सहयोग से शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
ईवीएम, वीवीपैट के बारे में पढ़ेंगे
चुनावी प्रक्रिया में छात्रों को ईवीएम, वीवीपैट, भारत निर्वाचन आयोग मोबाइल एप, बैलेट यूनिट मतदान कंपार्टमेंट, कंट्रोल यूनिट, पीठासीन अधिकारी, दो मतदान अधिकारी, पोलिंग एजेंट, वोटिंग कंपार्टमेंट, नोटा के बारे में भी पढ़ाया जाएगा। इसका मकसद उन्हें चुनावी प्रक्रिया की हर जानकारी से रूबरू करवाना है। शिक्षण संस्थानों में चुनावी प्रकिया को समझाने के लिए मॉक पोल यानी चुनाव का ट्रायल भी करवाया जाएगा। 25 जनवरी को शिक्षण संस्थानों में राष्ट्रीय मतदाता दिवस भी मनेगा। वहीं, एक जनवरी से भारत निर्वाचन आयोग नए मतदाताओं को जोड़ने का अभियान शुरू करने जा रहा है