हरदोई। शहर कोतवाली में बीईओ समेत पांच पर दर्ज कराई एफआईआर में स्पष्ट कहा गया है कि जब अशोक कुमार यादव का मोबाइल जब्त कर जांच साइबर सेल से कराई गई तो कई महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए। अधिकांश शिकायतें विमलेश शर्मा और भगत बाबा तेजगिरि तैयार करते थे। इन शिकायतों को तैयार करने के लिए अशोक यादव की मदद ली
जाती थी। लोकायुक्त कार्यालय में शिकायतें मनोज कुमार द्विवेदी, उपेंद्र कुमार राजन, ब्रजेश सिंह, अमित कुमार यादव आदि नामों से की जाती थीं। इसी तरह जनसूचना
अधिनियम के तहत जानकारी मांगने के लिए भी प्रश्न विमलेश और भगत बाबा तैयार करते थे, जबकि अन्य नामों से इन सूचनाओं को मांगा जाता था। (संवाद)
बरिष्ठ अधिवक्ता ओपी दीक्षित के मुताबिक जिन धाराओं में मामला दर्ज हुआ है, वे संगीन हैं। शासकीय गुप्त बात अधिनियम, 1923 की धारा पांच के तहत दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। धारा 211 भी आरोपियों पर लगी है। इसमें सात वर्ष तक की सजा का नियम है।