प्रयागराज। नए शिक्षा सेवा चयन आयोग में विधि अधिकारी का भी पद सृजित किया गया है। आयोग के विधि अधिकारी पर बड़ी जिम्मेदारी होगी, क्योंकि आयोग का गठन होते ही उस पर डेढ़ हजार से अधिक मुकदमों का बोझ भी होगा। दरअसल, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग (यूपीएचईएससी) और उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को शिक्षा सेवा चयन आयोग में समाहित किया जाना है। ऐसे में दोनों भर्ती संस्थानों की चल एवं अचल संपत्तियां भी नए आयोग को स्थानांतरित कर दी जाएंगी। बीते दिनों उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड ने चल एवं अचल
संपत्तियों से संबंधित पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी है।
संपत्तियों के साथ ही वे मुकदमे भी नए आयोग को स्थानांतरित कर दिए जाएंगे, जो भर्तियों को लेकर दाखिल किए गए हैं और न्यायालय में लंबित हैं। इन मुकदमों में पैरवी
की जिम्मेदारी नए आयोग पर होगी। यहीवजह है कि शिक्षा सेवा चयन
आयोग में विधि अधिकारी का पद सृजित किया गया है। इस पद पर जल्द ही नियुक्ति होने वाली है। वहीं, शिक्षा सेवा चयन आयोग के गठन में देरी को लेकर युवा मंच ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की अपील की है। युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह ने इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखा है।
संविदाकर्मियों के समायोजन पर ऊहापोह
उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग और चयन बोर्ड के कर्मचारियों को भी नए आयोग में समायोजित किया जाना है। यह तो तय है कि दोनों भर्ती संस्थानों के स्थायी कर्मचारियों को नए आयोग में समायोजित कर दिया जाएगा लेकिन संविदा पर काम करने वाले कर्मचारियों को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। चर्चा हो रही है कि संविदा पर काफी समय से काम कर रहे कर्मचारियों के पास भर्ती परीक्षा से जुड़े अनुभव हैं। ऐसे में नए आयोग में उन्हें समायोजित किए जाने की उम्मीद है।