*एमएलसी शैलेंद्र सिंह व एमएलसी देवेंन्द्र प्रताप सिंह के पलटवार से बेसिक शिक्षा महकमे में हडकंप*
सुल्तानपुर। सहायक अध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी सुसाइड केस की आग के लपेटे में बेसिक शिक्षा महकमे के तमाम अधिकारी आ गए हैं। हालाकि सुसाइड केस में कुड़वार खंड शिक्षा अधिकारी मनोजीत राव नामजद हैं लेकिन उनके बचाव के लिए जिला अधिकारी सुल्तानपुर को दिए गए ज्ञापन में 13 खंड शिक्षा अधिकारियों को कानूनी शिकंजे में फसा दिया हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों ने ज्ञापन में ऐसी भाषा का प्रयोग किया हैं जिससे सुलतानपुर के सांसद विधायक सहित तमाम जनप्रतिनिधियों का गुस्सा उबाल पर हैं । विधान परिषद में विशेषाधिकारी समिति में सभापति एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों को सबक सिखाने का निर्णय लिया हैं और कहा हैं की दिवंगत शिक्षक के प्रति सहानुभूत रखने वाले को असमाजिक तत्व बताने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस दे कर समिति में तलब किया जायेगा। दरअसल सुल्तानपुर जनपद में सहायक अध्यापक सूर्य प्रकाश द्विवेदी सुसाइड केस का मुद्दा ठंडा होने के बजाए गरम होता जा रहा हैं जिसकी वजह खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा जिलाधिकारी को दिया गया ज्ञापन हैं। ज्ञापन में खंड शिक्षा अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से लिखा हैं कि शिक्षक संघ और असमाजिकतत्वों के दबाव में पुलिस ने खंड शिक्षा अधिकरी मनोजीत राव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया हैं। ज्ञापन जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जनपद में बवाल शुरू हो गया। क्योंकि *शिक्षक संघ के समर्थन में खुल कर एमएलसी शैलेंद्र प्रताप सिंह,एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह,सांसद मेनका गांधी, विधायक विनोद सिंह, राज बाबू उपाध्याय, सीताराम वर्मा सहित तमाम जनप्रतिनिधि मैदान में उतरे थे*। जिसकी वजह से ये चर्चा हैं कि असमाजिकतत्व का प्रयोग माननीय जनप्रतिनिधियों के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों ने किया हैं। फिलहाल मामला गरम हैं मनानीयों के निशाने पर सुसाइड केस के अभियुक्त मनोजीत राव के साथ साथ 13 खंड शिक्षा अधिकारी भी आ गए हैं।