मानेदय के लिए अनुदेशकों ने राष्ट्रपति को भेजा खून से लिखा पत्र
बस्ती। रविवार को अनुदेशकों ने शास्त्री चौक पर क्रमिक अनशन कर राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री को खून से लिखा ज्ञापन भेजा। अनुदेशक हर रविवार को मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर शास्त्री चौक पर दो अक्तूबर से क्रमिक अनशन कर रहे हैं। परिषदीय अनुदेशक कल्याण एसोसिएशन जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पांडेय ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अनुदेशकों को 17 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया।
इसे लागू कराने की मांग को लेकर संगठन के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर तमाम विरोध प्रदर्शन व ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मजबूरी में अब अपने खून से ज्ञापन लिखकर भेजना पड़ रहा है।जिला उपाध्यक्ष सनोज कन्नौजिया ने बताया कि सरकार अनुदेशकों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। घोषणा के बाद भी मानदेय बढ़ाकर न देना यह सौतेला व्यवहार का उदाहरण है। दस हजार रुपये मानदेय मिल रही है। इससे गुजर बसर कर पाना संभव नहीं है। संगठन जिला महामंत्री अलका रानी ने बताया कि जब अनुदेशकों की नियुक्ति हुई थी तो जनपद में करीब 407 अनुदेशक थे, इनमें 50 अनुदेशकों ने नौकरी छोड़ दी है। यदि मांगों पर सकारात्मक पहल नहीं हुई तो आंदोलन करने के लिए विवश होना पड़ेगा। मौके पर सनोज कन्नौजिया, दीनानाथ निषाद, दिव्या श्रीवास्तव, चंंद्रमुखी वर्मा, इंदु, दिव्या, सुनीता यादव, रीता वर्मा आदि मौजूद रहे।