परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक बनने का सपना देख रहे सहायक अध्यापकों को शासन से बड़ा झटका लगा है। शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया जिले में शुरू हो गई है, मगर आरटीई के नए मानकों ने सारा खेल बिगाड़ दिया है। प्राथमिक स्कूलों में करीब 650 पद प्रधानाध्यापकों के कम हुए हैं। अब मात्र 104 पदो पर पदोन्नति होने उम्मीद है। वरिष्ठता सूची जारी हो चुकी है और अब जल्द शिक्षकों को पदोन्नति के नियुक्ति पत्र मिल जाएंगे। प्राथमिक स्कूलों को पूरी तरह से प्रधानाध्यापक मिलने की उम्मीद लगभग खत्म हो गई है। नियमानुसार प्राथमिक के सहायक अध्यापक को वरिष्ठता सूची के आधार पर प्राथमिक का प्रधानाध्यापक या फिर उच्च प्राथमिक जूनियर में सहायक अध्यापक बनाया जाएगा। शासन ने जो हैड मास्टर बनने के लिए स्कूलों में छात्र संख्या निर्धारित कर दी है। जिन प्राथमिक स्कूलों में 150 छात्र संख्या होगी केवल वहीं प्रधानाध्यापक होगा, जबकि जूनियर में 100 छात्र संख्या का अनुपात रखा गया है।
प्राथमिक स्कूलों में गुणवत्ता खराब
जिले के प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक गुणवत्ता काफी खराब है, ऐसे में इनमें प्रधानाध्यापकों की जरूरत है। हालांकि निपुण लागू होने के बाद शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार आ रहा है। जिले में 650 से अधिक स्कूल ऐसे हैं जिनमें कार्यवाहक प्रधानाध्यापक हैं, और इनमें छात्र संख्या 150 से कम हैं। पदोन्नति मात्र 104 पदों पर होगी तो काफी शिक्षक इससे वंचित रह जाएंगे। आरटीई के नए नियमों ने शिक्षकों को निराशा दी है।
जिले में पदोन्नति प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो भी पद आएंगे उन पर वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों को प्रमोशन दिया जाएगा। अंतिम सूची जल्द जारी हो जाएगी और पूर्व में वरिष्ठता सूची जारी कर दी गई थी। आरटीई के नियमों का पालन करते हुए पदोन्नति की जाएगी।
-डा. लक्ष्मीकांत पांडे़य, बीएसए, बुलंदशहर