प्राचार्यों ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर समस्या से अवगत कराया
प्रयागराज। प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में विज्ञापन संख्या 49 के तहत चयनित होने के बाद नियुक्त हुए प्राचार्य मानव संपदा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करने के लिए तैयार नहीं हैं।
पुरानी सेवा न जुड़ने के कारण वे भविष्य में पुरानी पेंशन से वंचित हो सकते हैं। प्राचार्यों ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर अपनी
समस्या से अवगत कराया है।
विज्ञापन संख्या-49 के तहत 290 प्राचार्यों का चयन किया गया था। ये प्राचार्य पूर्व में जिन महाविद्यालयों में शिक्षक के पद पर तैनात थे, वहां से इन्होंने पांच वर्ष का असाधारण अवकाश लेकर नए कॉलेज में प्राचार्य के पद पर ज्वॉइन किया था। बीते दिनों उच्च शिक्षा निदेशक की ओर से आदेश जारी किया गया था कि मानव संपदा पोर्टल पर सभी शिक्षकों एवं प्राचार्यों
का पंजीकरण अनिवार्य रूप से हो। जिनका पंजीकरण नहीं होगा, उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। इस आदेश के बाद नव नियुक्त प्राचार्यों के सामने दोहरा संकट आ गया है। अगर पंजीकरण नहीं कराते हैं तो उनका वेतन रोक
दिया जाएगा और पंजीकरण कराते
हैं तो उनकी पेंशन पर संकट आ जाएगा। दरअसल, मानव संपदा पोर्टल पर नवीन पंजीकरण के तहत शिक्षकों को कोई दो विकल्प भरने हैं, जो असाधारण अवकाश लेने
वाले प्राचार्यों पर लागू नहीं होते हैं। अगर वह वर्तमान तैनाती के बारे में सूचना दर्ज करते हैं तो उनकी पुरानी सेवा नहीं जुड़ेगी। प्राचार्यों को आशंका है कि इससे भविष्य में उन्हें पुरानी पेंशन से वंचित होना पड़ सकता है। यदि प्राचार्य पंजीकरण
नहीं करते हैं तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश संबद्ध अनुदानित महाविद्यालय प्राचार्य परिषद के महामंत्री डॉ. उदयन मिश्र ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर मांग की है कि मानव संपदा पोर्टल पर संशोधन के लिए एनआईसी को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और संशोधन होने तक पोर्टल पर प्राचार्यों के पंजीकरण की अनिवार्यता को लागू न किया जाए।