अंतर जनपदीय केस से संबंधित दो मुख्य याचिकाओं की सुनवाई आज इलाहाबाद हाईकोर्ट में सम्पन्न हुई।
पहली याचिका की सुनवाई सीरियल नंबर 6 पर हुई जिसमें जज साहब का स्पष्ट रूख था के वह इस प्रक्रिया में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं कर सकते । भविष्य में होने वाली ट्रांसफ़र प्रक्रिया में शामिल होने की छूट दे सकते हैं, जो के अंतिम आदेश आने पर स्पष्ट होगा।
दूसरी याचिका अर्चना श्रीवास्तव की सुनवाई सीरियल नंबर 16 पर लंच के बाद हुई जिसमें दूसरी तरफ़ के अधिवक्ता उलपब्ध नहीं थे परंतु अधिवक्ता अशोक खरे जी जो किसी स्थानांतरण से संबंधित रिट के लिए उपस्थित थे और जो की अर्चना सिंह के केस से उन्होंने कोर्ट को बताया के बह किसी अन्य याचिका में जुड़े हैं जो के किसी वजह से आज कनेक्ट नहीं हुई परंतु उनको सुन लिया जाये क्योंकि उनका मामला भी यही है और इस जजमेंट से उनकी याचिका भी प्रभाभित होगी। उन्होंने अपनी तरफ़ से कुछ विंदु रखे परंतु कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई आगे बड़ा दी के आप अपनी याचिकाओं के नंबर दे दीजिए हम उनको देख लेंगे। ये कहकर सुनवाई खत्म कर दी
कुल मिलाकर अपने साथियों से में ये कहना चाहता हू की हमने वकील और हमारे साथियों की मेहनत की वजह से हम ये कोर्ट को समझाने में सफल रहे की हमारी प्रक्रिया अंतर्जनपदीय पारस्परिक से भिन्न है और ये बात विपक्षी वकील ने भी मामले को जज के सामने स्पष्ट कर दिया, अब अगर अशोक खरे की रिट पर कोई आदेश देता भी है तो वो अंतर्जनपदीय के लिए मान्य होगा अंतः जनपदीय पर नही।
फ़िलहाल अभी तक के अनुसार 11 को होने वाली रिलीविंग पर अंतः जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण पर किसी प्रकार का कोई ख़तरा नहीं है और ना ही कोर्ट की तरफ़ से कोई चिंताजनक टिप्पड़ी कि गई है । आप सभी साथी 11 से लेकर 13 तक होने बाली अपनी रिलिविग और ज्वाइनिंग प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करे ना कोई सचिव से इस मुद्दे पर मिले ना किसी मंत्री विधायक से फोन कराए।
सभी अंतः जनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के साथी अपने अपने जिले में रिलीविंग का कार्य युद्धस्तर पर सुनिश्चित करें
धन्यवाद अनुराग गुप्ता बदायू