नई दिल्ली ,
पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) के तहत विड्रॉल के नए नियम पेश किए हैं, जो 1 फरवरी 2024 से लागू कर दिया जाएगा. पीएफआरडीए (PFRDA) के अनुसार, NPS के नए नियमों के तहत अब कोई भी एनपीएस खाते से 25 फीसदी से ज्यादा का अमाउंट नहीं निकाल सकता है.
इस अमाउंट में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का पैसा होगा.
NPS सब्सक्राइबर्स निवेश के दौरान केवल तीन बार आंशिक तौर पर निकासी कर सकते हैं. अगर आंशिक निकासी कर रहे हैं तो ग्राहकों को कम से कम तीन साल तक इसमें निवेशित होना चाहिए.
इसका मतलब है कि 25 फीसदी का अमाउंट तीन साल के बाद कभी भी निकाला जा सकता है. यह अमाउंट बच्चों की शिक्षा खर्च, शादी, घर निर्माण, या चिकित्सा आपात स्थिति जैसे कामों के लिए निकाला जा सकता है.
*कब निकाला जा सकता है आंशिक तौर पर अमाउंट?*
मोदी सरकार का देश को न्यू ईयर गिफ्ट, सुकन्या समृद्धि योजना में अब मिलेगा ज्यादा ब्याज
अगर ग्राहक बच्चों के उच्च शिक्षा के लिए खर्च करना चाहता है तो अमाउंट निकाला जा सकता है.
बच्चों के विवाह के लिए भी यह अमाउंट निकाला जा सकता है.
घर खरीदने, होम लोन रिपेमेंट और अन्य के लिए भी अमाउंट निकाल सकते हैं.
गंभीर बीमारी, इलाज और मेडिकल संबंधी अन्य खर्च के लिए भी यह अमाउंट निकाला जा सकता है.
किसी इमरजेंसी पर भी 25 फीसदी तक का अमाउंट निकाला जा सकता है.
किसी तरह का कारोबार शुरू करने या स्टार्टअप के लिए भी यह अमाउंट यूज किया जा सकता है.
आंशिक निकासी को लेकर अन्य शर्ते
खाता खोलने से लेकर सब्सक्राइबर तीन साल तक इसमें सदस्य होना चाहिए
25 फीसदी से ज्यादा इस खाते के तहत आंशिक तौर पर निकासी नहीं किया जा सकता है.
एनपीएस खाताधारकों को अधिकतम तीन बार ही अकाउंट से आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.
कैसे कर सकते हैं पैसा विड्रॉल?
अगर एनपीएस के तहत 25 फीसदी या उससे कम का अमाउंट निकालना है तो सेंट्रल रिकॉर्डकीपिंग एजेंसी (CRA) के प्रतिनिधि सरकारी नोडल अधिकारी के माध्यम से विड्रॉल रिक्वेस्ट कर सकते हैं. इसमें विड्रॉल का कारण और अन्य डिटेल की जानकारी देनी होगी. अगर सब्सक्राइबर बीमार है तो इसकी जगह पर परिवार का कोई मेंबर या नॉमिनी यह रिक्वेस्ट कर सकता है.
गौरतलब है कि पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के मुताबिक 60 साल की उम्र (रिटायरमेंट) के बाद NPS से कुल मैच्योरिटी की 60 फीसदी रकम एकमुश्त निकालने की इजाजत है, जो टैक्स-फ्री होती है.बाकी 40 फीसदी मैच्योरिटी की रकम को एन्युटी प्लान में निवेश करना होता है, जिससे पेंशन मिलती है. एन्युटी में निवेश की रकम टैक्स-फ्री है, लेकिन एन्युटी के तहत रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन की राशि पर टैक्स में कोई छूट नहीं है.
इसका मतलब ये है कि रिटर्न के तौर पर मिलने वाली पेंशन निवेशक की सालाना आमदनी में जुड़ जाती है और टैक्सपेयर को टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ता है. वहीं अगर रिटायरमेंट के बाद टोटल कॉर्पस 5 लाख रुपये के बराबर या इससे कम है तो NPS सब्सक्राइबर्स पूरी रकम निकाल सकते हैं.