लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में निपुण लक्ष्य पाने में लगा बेसिक शिक्षा विभाग अब आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ रहे बच्चों के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम शुरू करेगा। 18 जिलों में 18 जनवरी से इसकी शुरुआत होगी। इसमें को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों को भाषा व अंकों के ज्ञान में निपुण बनाया जाएगा।
आंगनबाड़ी केंद्रों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है। इसके तहत विद्यालय परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को भाषा, अंकों का ज्ञान व पर्यावरण का ज्ञान दिया जाएगा। इसके लिए अयोध्या, रायबरेली, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर नगर, कौशांबी, बस्ती, अलीगढ़, फिरोजाबाद,
चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों में चलेगा स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम
बागपत, बलरामपुर, जालौन, महोबा, मऊ, पीलीभीत, भदोही बिजनौर व शामली जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। 18 अप्रैल तक यह प्रोजेक्ट चलेगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इन सभी जिलों के डायट प्राचार्य को इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने के विस्तृत निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तीन माह के लिए स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा एक में प्रवेश से पहले बच्चों को संबंधित भाषा, शुरुआती अंकों की दक्षता व पर्यावरण से संबंधित चीजों से अवगत कराते हुए उन्हें इसके लिए तैयार करना है। ताकि वह अगली क्लास में विद्यालय की औपचारिक शिक्षा से जुड़ने के लिए मानसिक
रूप से तैयार होंगे। इसके दूसरे चरण में कक्षा एक में प्रवेशित बच्चों को निपुण बनाया जाएगा.
12008 विद्यालय पहले चरण में शामिल
पहले चरण में स्कूल रेडीनेस कार्यक्रम के लिए इन 18 जिलों के 12008 स्कूल शामिल किए गए हैं। इस कार्यक्रम से संबंधित विस्तृत जानकारी भी शिक्षकों के लिए दीक्षा पोर्टल पर अपलोड कर दी गई है। शिक्षकों को ऑनलाइन विशेषज्ञों की ओर से प्रशिक्षण भी दिया गया है। कार्यक्रम शुरू होने से पहले 10 जनवरी से अंतरविभागीय समन्वय कार्यशाला भी होगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर प्रभाव का अध्ययन भी किया जाएगा। ताकि इसकी कमियों को दूर कर आगे इसे और बेहतर किया जा सके।