बिहार के शिक्षा विभाग ने निजी कोचिंग संस्थानों में
कक्षाएं लेने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों पर शिकंजा कसते हुए इस प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के. के. पाठक ने एक जनवरी को जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में उन्हें अपने संबंधित क्षेत्रों में सभी निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं लेने वाले सरकारी स्कूल के शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है.
पाठक ने कहा है कि विभाग को शिकायतें मिल रही हैं कि कुछ सरकारी स्कूल शिक्षक अपने संबंधित क्षेत्रों में निजी कोचिंग संस्थानों में कक्षाएं ले रहे हैं. इस प्रथा पर तुरंत रोक लगाने की जरूरत है. शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इसके बाद भी यदि कोई शिक्षक इस तरह की प्रथा में लिप्त पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई की जाएगी और ऐसी गलती करने वाले निजी कोचिंग संस्थानों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई शुरु की जाएगी. विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को प्राथमिकता के आधार पर ऐसे शिक्षकों का ब्यौरा मुख्यालय को उपलब्ध कराने के लिए कहा है. समय पर जानकारी न देने पर शिक्षा पदाधिकारियों को नोटिस जारी किया जाएगा. इसके साथ ही विद्यार्थियों को 75% उपस्थिति रहने का निर्देश दिया गया है.
राज्य में 12761 निजी कोचिंग संस्थान
शिक्षा विभाग द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थानों की कुल संख्या 12,761 है, और उनमें नामांकित छात्रों की संख्या 9,95,533 है. पटना में अधिकतम संख्या 1017 पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान हैं. इसके बाद बेगुसराय में 636, गया में 623, पूर्वी चंपारण में 604, पूर्णिया में 598, समस्तीपुर में 581 पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान हैं. जिस जिले में पंजीकृत कोचिंग संस्थानों की संख्या सबसे कम है, वह जहानाबाद है जहां 40 पंजीकृत निजी कोचिंग संस्थान है.