W.P.(C) No. 1097/2023
GUDDU SINGH AND ORS.
Versus
UNION OF INDIA AND ORS. मामले में रजिस्ट्रार कोर्ट में यह केस आज 23 जनवरी 2024 लगा है।
इस केस पर विभाग के उच्च अधिकारियों की निगाहें हैं…
*69000 भर्ती में बीएड चयनितों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है यह केस*
✍️निर्भय सिंह
अरनब घोष ने देवेश शर्मा केस के फैसले में क्लारिफिकेशन/मोडिफिकेशन एप्लीकेशन दाखिल की जिसपर रजिस्ट्रार ने एप्लीकेशन खारिज कर दिया। रजिस्ट्रार के अनुसार एसएलपी के फैसले पर कोई भी रिट के जरिए मोडिफिकेशन नहीं मांग सकता। इस तरह सबकी रिट सुनी गई तो मुकदमा अंतहीन हो जायेगा। उक्त रजिस्ट्रार के निर्णय को मिसलेनियम एप्लीकेशन में पुनः अरनब घोष ने कोर्ट में लिस्ट कराया। न्यायमूर्ति श्री अनिरुद्ध बोस जी ने कहा कि देवेश शर्मा केस के फैसले को न्यायमूर्ति श्री सुधांशु धुलिया जी ने लिखा है, न्यायमूर्ति श्री अनिरुद्ध बोस जी और न्यायमूर्ति श्री सुधांशु धुलिया जी की दिनांक ११ जनवरी २०२४ को तीन बजे बेंच बैठी। न्यायमूर्ति ने कहा कि बीएड प्राइमरी के लिए योग्य नहीं है। ब्रिज कोर्स आदि कुछ नहीं है और एप्लीकेशन खारिज कर दिया। अरनब घोष यही जानना चाहता है कि एनसीटीई नोटिफिकेशन किस तारीख से रद्द हुआ है?
बहुत से राज्य हैं जहां भर्ती हुई है लेकिन मामला कोर्ट में नहीं है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा डेट ऑर्डर में लिखते ही अनावश्यक राज्यों में मुकदमें उत्पन्न होंगे।
अब तक की अरनब की मामलों की AOR नेहा राठी जी ने एक नई रिट से दिनांक ११ अगस्त २०२३ के पूर्व जारी हुए विज्ञापन पर बीएड वालों का चयन/नियुक्ति मांगी और जिनका दाखिला बीएड में दिनांक २८/०६/२०१८ के बाद हुआ है एवम दिनांक ११/०८/२०२३ के पूर्व बीएड कर लिया हो एवम एनआईओएस से ब्रिज कोर्स किया हो उसको प्राइमरी के लिए योग्य करके की मांग की। जिसका वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा जी ने विरोध किया और कहा कि इन्ही AOR की अरनब घोष मामले में सेम प्रेयर की एप्लीकेशन खारिज हुई है। न्यायमूर्ति ने बीएड छात्र वेलफेयर एसोसिएशन पर पच्चीस हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया।
कोर्ट में पूर्व ASG श्री आत्माराम नाडकर्णी भी मौजूद थे।
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