लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों में कक्षा 3 से 8 तक के बच्चों को मुफ्त दी जाने वाली किताबों की छपाई के टेंडर में अनियमितता का आरोप लगाया गया है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय सिंह विन्नू ने आरोप लगाया है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विशेष प्रिंटिंग प्रेस को लाभ पहुंचाने के लिए 350 करोड़ के टेंडर सात प्रिंटिंग प्रेसों को बांट दिए गए। ऐसा पहली बार हुआ। उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को ज्ञापन भेजकर जांच की मांग की है।
विजय सिंह के मुताबिक शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए अंग्रेजी, हिंदी और उर्दू की किताबों की छपाई के लिए 20 अक्टूबर 2023 को पाठय पुस्तक अधिकारी कार्यालय से निविदा मांगी गई थी। नियमों के मुताबिक प्रकाशक का टर्नओवर एक करोड़ रुपये और कम से कम तीन वर्ष की अहंता थी। लेवल-वन के निविदाकर्ताओं को चार वनों में अपेक्षित पुस्तको में से 20 प्रतिशत छापने की बाध्यता भी थी।