● टीईटी के आधार पर प्रमोशन मांग रहे शिक्षक कोर्ट पहुंचे
● एनसीटीई ने भी शिक्षक पात्रता परीक्षा को प्रमोशन में माना है अनिवार्य
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में कार्यरत सहायक अध्यापकों के सालों बाद होने जा रहे प्रमोशन को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ शिक्षकों ने बगैर टीईटी प्रमोशन करने को लेकर हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका कर दी है। टीईटी के आधार पर प्रमोशन की मांग कर रहे शिक्षकों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 12 नवंबर 2014 की अधिसूचना के अनुसार सहायक अध्यापकों का प्राथमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक पद पर प्रमोशन करने के लिए प्राथमिक स्तर की शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्य है।
वहीं प्राइमरी के सहायक अध्यापकों के उच्च प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर पदोन्नति देने के लिए उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी पास होना चाहिए। मद्रास हाईकोर्ट ने भी दो जून 2023 के आदेश में पदोन्नति में यह व्यवस्था लागू करने के आदेश दिए हैं। जिसके बाद एनसीटीई ने 11 सितंबर 2023 को स्पष्टीकरण पत्र जारी किया है। हालांकि प्रदेश के सभी 75 जिलों में टीईटी अनिवार्यता की अनदेखी की जा रही है। जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के अफसरों ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया है कि प्रमोशन में समय-समय पर जारी एनसीटीई गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है।