लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई है कि वह सबकी पीड़ा तो दूर कर रहे हैं किंतु देश भर के करोड़ों कर्मचारियों की पीड़ा नहीं सुन रहे हैं। इप्सेफ के कई बार पत्र भेजने के बाद भी भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी उनकी समस्याएं नहीं सुन रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की नाराजगी आगामी लोकसभा चुनाव में भारी पड़ सकती है। इप्सेफ ने मांग की एक देश एक वेतन की सुविधा दी जाए। इसके लिए वेतन आयोग का गठन किया जाए। एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन लागू की जाए। आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की सेवाएं सुरक्षित
करने के लिए नीति बनाई जाए। स्थानीय निकायों, सार्वजनिक निगम के कर्मचारियों के देयों का भुगतान न रोका जाए तथा उन्हें सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ दिया जाए।
इसके लिए उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में आंदोलन चल रहे हैं किंतु उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है। इप्सेफ ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि कर्मचारियों की पीड़ा को सुनने के लिए समय दें। साथ ही अपने मुख्यमंत्रियों को भी निर्देश दें कि जनता के साथ कर्मचारियों की पीड़ा को प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करके उनका निवारण करें। इससे कर्मचारियों की समस्या का समाधान होगा और विकास कार्यों में तेजी आएगी।