नई प्रणाली में 50,000 रुपये तक की और छूट मिलने की उम्मीद, अंतरिम बजट में किया जा सकता है एलान
08 करोड से अधिक लोग अब तक आइटीआर फाइल कर चुके हैं
8.5 करोड़ तक पहुंच सकती है यह संख्या 31 मार्च, 2024 तक
• अभी छूट को मिलाकर 7.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर नहीं लगता है कोई कर
होम लोन लेने वाले और अन्य मदों में अधिक निवेश करने वालों के लिए पुरानी व्यवस्था ही लाभप्रद
राजीव कुमार नई दिल्ली : वित्त वर्ष 2024-25 के लिए आगामी एक फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में सरकार मध्य वर्ग के लिए इनकम टैक्स में राहत की घोषणा कर सकती है। हालांकि यह राहत सिर्फ नई टैक्स व्यवस्था अपनाने वाले करदाताओं के लिए हो सकती है।
वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स में 50,000 रुपये तक की और छूट मिलने की उम्मीद है। इस घोषणा के बाद यानी कि नए वित्त वर्ष से आठ लाख रुपये तक की आय आयकर से मुक्त हो सकती है। दरसअल, सरकार नई टैक्स व्यवस्था को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसके तहत आयकर में और राहत देने पर अधिक से अधिक करदाता नई व्यवस्था को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे। चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पिछले साल एक फरवरी को पेश बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत सालाना सात लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देने की घोषणा की थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन (मानक कटौती) व अन्य छूट को मिलाकर यह सीमा 7.5 लाख रुपये तक की हो जाती
है। यानी कि सालाना 7.5 लाख रुपये तक की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। अंतरिम बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की घोषणा करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं आएगी। पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत पांच लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है। इस व्यवस्था के तहत आयकरदाता एचआरए, होम लोन, हेल्थ इंश्योरेंस जैसे विभिन्न मदों में निवेश से टैक्स में छूट भी ले सकते हैं। सरकार इस प्रकार की छूट देने के बहुत पक्ष में नहीं है। सरकार चाहती है कि इनकम टैक्स देने वालों की संख्या बढ़े।
नई व्यवस्था करदाताओं को नहीं आई पसंद
सरकार ने वर्ष 2020 के बजट में ही नई व्यवस्था की घोषणा की थी, लेकिन इस व्यवस्था के तहत 80सी व होम लोन के मद में निवेश पर कोई छूट नहीं होने से करदाताओं ने इस नई व्यवस्था को अपनाने में रुचि नहीं दिखाई थी। पुरानी व्यवस्था के तहत 70 प्रकार के डिडक्शन का प्रविधान है। होम लोन व अन्य मद में जिनका निवेश अधिक है उन्हें अब भी इनकम टैक्स की पुरानी व्यवस्था में रहने में फायदा है
सरकार इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 15 व 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन में 50,000 रुपये की और छूट दे सकती है ताकि अधिक से अधिक लोग टैक्स की नई व्यवस्था को अपनाए।
असीम चावला, टैक्स एक्सपर्ट