प्रयागराज। नियमों को दरकिनार कर उच्च शिक्षा विभाग में बीएड विषय के 14 प्रवक्ताओं के विनियमितीकरण में धांधली की शिकायत पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने जांच शुरू करा दी है। इससे संबंधित शिकायत विधायी समिति में भी पहुंची है।
उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग तृतीय संशोधन 28 दिसंबर 2006 को पूर्ववर्ती सरकार ने पारित किया था, जिसमें उल्लेख था कि कटऑफ तिथि 31 अगस्त 2003 के पूर्व चयनित अर्ह प्रवक्ताओं का विनियमितीकरण किया जाए लेकिन कटऑफ तिथि के बाद 11 प्रवक्ताओं का विनियमितीकरण कर दिया गया और तीन अन्य मामलों में भी अनियमितता की गई।
विनियमितीकरण में धांधली की शिकायत, विधायी समिति में पहुंचा मामला
संत कबीरनगर और हमीरपुर जनपदों से संबंधित हैं। इन जनपदों में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के तहत संचालित स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रवक्ताओं का विनियमितीकरण किया गया। छात्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु, बुंदेलखंड झांसी विश्वविद्यालय और डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से संबद्ध चार महाविद्यालयों के प्रबंधक आरोपों के ये मामले कानपुर देहात, हाथरस, घेरे में हैं। ब्यूरो