प्रयागराज, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और ई-कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम की पहल पर मुकदमों की लिस्टिंग की समस्या का निदान हो गया है। हाईकोर्ट बार के महासचिव नितिन शर्मा के अनुसार मुकदमों की लिस्टिंग के लिए नए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर चालू कर दिया गया है। सोमवार की लिस्ट समय पर जारी हो गई है और आगे की लिस्ट भी हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से अन्य सुधार के साथ जल्द ही जारी होती रहेगी। नितिन शर्मा ने बताया कि मुकदमों की लिस्टिंग एवं डेली कॉज लिस्ट के लिए नए सॉफ्टवेयर कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम (सीसीएमएस) की सेवा लेना प्रारम्भ हो गया है। इस संदर्भ में संयुक्त निबंधक (न्यायिक) योगेश दुबे को नोडल अफसर बनाया गया है जो कम्प्यूटर सेंटर, स्टाम्प रिपोटिंग सेंटर, फ्रेश फाइलिंग सेक्शन, लिस्टिंग सेक्शन और अन्य न्यायिक व गैर न्यायिक सेक्शन के अधिकारियों से सीधा समन्वय स्थापित करेंगे।
मुकदमों की लिस्टिंग में वकीलों और वादकारियों को हो रही असुविधाओं के
कारण एनआईसी की सेवा समाप्त कर दी गई है। पिछले कुछ वर्षों में वकीलों और वादकारियों को मुकदमों की लिस्टिंग में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था और एनआईसी लिस्टिंग प्रणाली पर आरोप लग रहे थे। हाईकोर्ट बार के उपाध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने बताया कि कोर्ट केस मैनेजमेंट सिस्टम (सीसीएमएस) का एक हेल्प डेस्क सीआईटी बिल्डिंग में स्थापित किया गया है। सम्मानित वकीलों को लिस्टिंग से सबंधित समस्या के निवारण के लिए
हेल्प डेस्क के माध्यम से अभिषेक शर्मा, दुर्गा प्रसाद जायसवाल और अभिषेक सिंह नोडल अफसर के सहायक की भूमिका निभाएंगे जिससे लिस्टिंग की व्यवस्था सुचारू रूप से जारी रहे।
संयुक्त सचिव प्रशासन सर्वेश कुमार दुबे व कार्यकारिणी सदस्य अभ्युदय त्रिपाठी ने बताया कि वकीलों की एनआईसी द्वारा मुकदमों की लिस्टिंग की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी के लगातार प्रार्थना पत्रों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता, न्यायमूर्ति अंजनी कुमार मिश्र, न्यायमूर्ति समित गोपाल एवं अन्य न्यायाधीश के साथ उच्च न्यायालय के अधिकारियों के सार्थक प्रयास से समस्याओं का काफी हद तक निराकरण किया गया है। इसके बावजूद मुकदमों से संबंधित समस्याओं के निराकरण के लिए बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी प्रयास कर रही है ताकि भविष्य में वकीलों को मुकदमों की लिस्टिंग से संबंधित समस्याओं का सामना न करना पड़े।