प्रयागराज, । बेसिक शिक्षा परिषद के प्रदेशभर के 1.14 लाख से अधिक प्राथमिक स्कूल के कक्षा एक व दो के पाठ्यक्रम में पहली बार शामिल हो रही अंग्रेजी, हिन्दी व गणित की राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की किताबों के लिए बच्चों को इंतजार करना पड़ेगा। कक्षा तीन से आठ तक की किताबें तो एक अप्रैल से शुरू हो रहे सत्र 2024-25 में समय से मिल जाएंगी, लेकिन कक्षा एक-दो के छात्र-छात्राओं तक नई किताब पहुंचने में समय लगेगा।
एनसीईआरटी से समन्वय बनाते हुए राज्य शिक्षा संस्थान और आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के विशेषज्ञों ने तीनों विषयों की किताबें तैयार तो कर ली हैं, लेकिन अब अभी इन किताबों को मंजूरी नहीं मिल सकी है। बेसिक शिक्षा विभाग से मंजूरी मिलने के बाद इन किताबों के लिए टेंडर जारी होगा और उसके बाद प्रकाशन होगा। क्रयादेश जारी होने के बाद बच्चों के हाथ तक किताबें पहुंचने में अप्रैल अंत या मई तक का समय लग सकता है।
पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या के आधार पर खरीद
परिषदीय स्कूलों में अध्ययनरत तकरीबन दो करोड़ बच्चों के लिए किताबों की खरीद इस बार प्रेरणा पोर्टल पर दर्ज छात्र संख्या के आधार पर की जा रही है। पूर्व के वर्षों में 30 सितंबर की छात्र संख्या के आधार पर खरीद होती थी। कई बार कुछ जिलों से वास्तविक संख्या से अधिक की सूचना जाने के कारण अधिक किताबों की खरीद हो जाती थी। पोर्टल पर आधार संख्या के साथ विद्यार्थियों का विवरण होने के कारण फर्जीवाड़े की गुंजाइश नहीं रह जाएगी।
● किताबों को अंतिम रूप देने में लगा समय, छपाई में देरी
● बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने प्रकाशकों को दिया क्रयादेश
कक्षा तीन से आठ तक का क्रय आदेश जारी
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा के निर्देश पर अधिकांश बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने कक्षा तीन से आठ तक की किताबों के लिए प्रकाशकों को 15 जनवरी तक क्रयादेश जारी कर दिया है। 10 जनवरी से 90 दिन तक जिलों में सभी किताबों की आपूर्ति होनी है। जबकि कार्यपुस्तिकाओं की सप्लाई 120 दिन या चार महीने में होगी। इसका टेंडर दिसंबर 2023 में ही हो गया था। साफ है कि कक्षा तीन से आठ तक की किताबें तो एक अप्रैल को नया सत्र शुरू होने के साथ बच्चों को मिल जाएंगी, लेकिन कक्षा एक-दो की किताबों और कार्यपुस्तिकाओं की सप्लाई में समय लगना तय है।
2024-25 सत्र के लिए कक्षा तीन से आठ तक की किताबों और कार्यपुस्तिकाओं का क्रयादेश जारी कर दिया है। एक अप्रैल को सत्र शुरू होने के साथ ही बच्चों के हाथों में किताबें होंगी।
प्रवीण कुमार तिवारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी