लखनऊ। प्रदेश सरकार इस सत्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के सभी पात्र विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए 922 करोड़ रुपये ज्यादा बजट की व्यवस्था है। अधिकारियों का कहना है कि गड़बड़ियों पर अंकुश लगाने के लिए आधार आधारित पेमेंट अनिवार्य गड़बड़ी रोकने के लिए आधार आधारित पेमेंट किया गया अनिवार्य किया गया है। इससे ‘जेनुइन’ छात्र ही लाभ पा सकेंगे।
सरकार दो लाख रुपये सालाना आमदनी वाले ओबीसी परिवारों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क भरपाई की सुविधा देती है। बशर्ते, पिछली कक्षा में उनके न्यूनतम अंक 50 प्रतिशत रहे हों। 2022-23 में 24 लाख ओबीसी विद्यार्थियों को लाभ मिला था, जबकि बजट की कमी के चलते 5 लाख छात्र वंचित रह गए थे। पिछले वित्त वर्ष में 1514.86 करोड़ रुपये की व्यवस्था थी। इस बार अनुपूरक बजट में 330 करोड़ देने से मद में 2437 करोड़ रुपये की व्यवस्था हो गई है। इससे करीब 30 लाख विद्यार्थियों को लाभ मिलने की संभावना है। पिछड़ा वर्ग कल्याण के प्रमुख सचिव ने बताया कि पर्याप्त बजट है। उम्मीद है कि इस बार सभी पात्र छात्रों को
लाभांवित किया जा सकेगा। ब्यूरो