कंदवा। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाला बच्चा यदि लगातार तीन दिन स्कूल नहीं गया तो शिक्षक अभिभावक को फोन कर इसकी वजह जानेंगे। इसके बाद भी बच्चा स्कूल नहीं आता है तो गुरुजी पांचवें दिन घर जाकर अभिभावक से संपर्क करेंगे।
परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बेहतर करने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग जुट गया है। शासन स्तर से स्कूलों में अधिक से अधिक पंजीकरण के साथ उनकी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। इसके बावजूद भी काफी संख्या में स्कूलों में प्रतिदिन की औसतन उपस्थिति 60 प्रतिशत से भी कम हो रही है। इसे गंभीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा परिषद ने सभी बीएसए को उपस्थिति बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। सभी को 10 प्रतिशत उपस्थिति बढ़ाने का लक्ष्य भी दिया गया है। निर्देशित किया है कि बच्चे के अनुपस्थित रहने पर शिक्षक अभिभावकों से बातचीत कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही अनुपस्थिति का कारण जानकर उसे दूर करने का प्रयास भी करेंगे।
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घर के कार्यों में काम बटाना अनुपस्थिति का मूल कारण
बरहनी ब्लॉक में 82 प्राथमिक, 27 पूर्व माध्यमिक और 27 कंपोजिट विद्यालय संचालित होते हैं जिनमें 23 हजार बच्चे पंजीकृत है। इन विद्यालयों में बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के साथ छात्रों को पाठ्य पुस्तकें, यूनीफार्म, जूता-मोजा, बैग, मिड-डे मील आदि भी निशुल्क दिया जा रहा है। इसके बावजूद प्रतिदिन की उपस्थिति औसतन 60 प्रतिशत ही है। छोटे भाई-बहनों का ध्यान रखने के लिए बच्चों का घर पर रहना, खेती के काम में माता-पिता की मदद करना व घर के अन्य कार्यों में व्यस्त रहना आदि कम उपस्थिति के कारण पाए गए हैं.
चार से छह दिन तक अनुपस्थित रहने पर घर जाकर शिक्षक अभिभावकों से बातचीत कर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। वहीं बच्चे के एक सप्ताह से अधिक अनुपस्थित रहने पर शिक्षक ग्राम प्रधान की मदद से अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने को प्रेरित करेंगे। इसके लिए शिक्षकों को निर्देशित कर दिया गया है। राम आसरे, बीईओ, बरहनी।