प्रदेश के परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाने में वाराणसी और बरेली जैसे जिले आगे हैं। वहीं सबसे खराब स्थिति बलिया की है जहां मात्र नौ स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकी है। इंटीग्रेटेड स्कीम फॉर स्कूली शिक्षा के तहत बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड, स्मार्ट सिटी एवं अन्य माध्यमों से स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के निर्देश दिए गए थे।
पोर्टल पर जिलों की ओर से अपडेट सूचना के अनुसार दस जिलों में 300 से अधिक स्कूलों में स्मार्ट क्लास में पढ़ाई हो रही है। हरदोई के 3459 स्कूलों में से सर्वाधिक 857 में स्मार्ट क्लास लगवाई जा चुकी है। कासगंज के 1265 स्कूलों में 803, बरेली 2496 स्कूलों में से 600, बिजनौर 2137 स्कूलों में 538, बुलंदशहर 1883 विद्यालयों में 371, श्रावस्ती 984 स्कूलों में से 352, चित्रकूट 1262 में 320 जबकि वाराणसी के 1153 स्कूलों में से 315 में स्मार्ट क्लास लगी है। सिद्धार्थनगर के 2268 विद्यालयों में से 309 और सोनभद्र के 2073 विद्यालयों में से 303 में अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। महानिदेशक स्कूली शिक्षा कंचन वर्मा ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को 20 जनवरी तक पोर्टल पर सूचना अपडेट करने के निर्देश दिए हैं। बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी के अनुसार सीएसआर, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड और शिक्षकों के व्यक्तिगत प्रयास से स्कूलों में स्मार्ट क्लास लगवाई गई है।
पोर्टल पर प्रयागराज के 213 स्कूलों में स्मार्ट क्लास लगने की ही सूचना अपलोड है जबकि यह संख्या 275 के आसपास है। इसे अपडेट करवाया जा रहा है।
22 जिलों में 10 से 50 स्कूलों में हाईटेक कक्षाएं
22 जिलों में 10 से लेकर 50 परिषदीय व कस्तूरबा विद्यालयों में ही हाईटेक कक्षाएं लगाई जा सकी है। इटावा 16, कन्नौज 17, बस्ती, बदायूं, हापुड़ व प्रतापगढ़ में 20-20, हाथरस 23, आगरा 24, पीलीभीत 26, कौशाम्बी 27, उन्नाव 28, कुशीनगर 29, अलीगढ़ 35, अम्बेडकरनगर 42, संभल 44, अमरोहा व गोंडा 45-45, बहराईच व चंदौली 46-46, फर्रुखाबाद व गाजियाबाद 49-49 जबकि महराजगंज के 50 स्कूलों में स्मार्ट क्लास में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।