नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश की चिट्ठी का जवाब देते हुए एक बार फिर साफ किया कि ईवीएम (इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ असंभव है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। अलग-अलग हाई कोर्टों और सुप्रीम कोर्ट में भी इसकी परख हो चुकी है। ऐसे में अब इसको लेकर किसी तरह का संदेह जताना ठीक नहीं है। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश व सभी दलों की सहमति के बाद वीवीपैट को ईवीएम से जोड़ा गया था। इसमें प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के किसी भी पांच बूथ की वीवीपैट पर्चियों के मिलान की व्यवस्था है। यह व्यवस्था अभी प्रचलन में है। कि
आयोग ने कहा आइएनडीआइए में शामिल राजनीतिक दलों की ओर से सभी पुराने मुद्दे ही उठाए गए हैं। इनके जवाब पहले भी दिए जा चुके हैं और आयोग की वेबसाइट पर अधिकतर पूछे जाने वाले सवालों
के जवाब (एफएक्यू) में शामिल हैं। बताते चलें, हाल ही में हिंदी पट्टी के तीन राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस सहित विपक्षी दलों की ओर से ईवीएम पर नए सिरे से उठते सवालों को देख आयोग ने एफएक्यू में सवालों और उनके जवाबों की संख्या बढ़ा दी है। अब तक वेबसाइट पर ईवीएम व वीवीपैट से जुड़े 85 सवाल और उनके जवाब डाले जा चुके हैं।
आयोग ने जयराम रमेश को दिए गए जवाब में बताया है कि ईवीएम को इस्तेमाल में लाए जाने के बाद से अब तक 143 विधानसभा चुनाव कराए जा चुके हैं। इनमें से 49 बार राजनीतिक दलों की सीटों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है।