आजमगढ़, । परिषदीय स्कूलों का सत्र समापन की ओर है, लेकिन अभी भी करीब तीस हजार बच्चों को यूनिफार्म नहीं मिल सका है। बैंकों में आधार सीडिंग समेत अन्य गड़बड़ी से उनके अभिभावकों के खाते में रुपये स्थानांतरित नहीं किए जा सके हैं। बच्चे बिना यूनिफार्म के ही स्कूल जाने को विवश हैं।
विभाग ने शिक्षकों को बच्चों का आधारकार्ड बनवाने के साथ ही बैंकों में आधार सीडिंग कराने के लिए कहा था, लेकिन लापरवाही के चलते यह काम अभी पूरा नहीं हो सका है। जिले में 2702 परिषदीय विद्यालय हैं। इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को पढ़ने के लिए सरकार की तरफ से निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों के साथ ही दोपहर में पका पकाया भोजन दिया जाता है। शासन की ओर से बच्चों को जूता, मोजा, स्वेटर, टाई बेल्ट व ड्रेस के लिए 12 सौ रुपये डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खाते में भेजे जाते हैं। बच्चों का आधारकार्ड व अभिभावकों का बैंक खाता नंबर प्रधानाध्यापक को देना होता है। वर्ष 2023-24 में परिषदीय स्कूलों में करीब तीन लाख से अधिक बच्चों का नामांकन हुआ है। इनमें 2.70 लाख के खातों में धन भेजा जा चुका है।
शिक्षकों ने योजना के प्रति नहीं दिखाई दिलचस्पी
बच्चों का आधारकार्ड बनवाने के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी दी गई थी। अभिभावकों से मिलकर आधार कार्ड बनवाने व अन्य कमियों को ठीक कराने के निर्देश थे, लेकिन शिक्षकों ने इस काम में दिलचस्पी नहीं ली। जिसका नतीजा है कि अभी बच्चों के खाते में यूनिफार्म की धनराशि नहीं भेजी जा सकी है।
जिन बच्चों का आधार में बना है या अन्य गड़बड़ियों के कारण डीबीटी नहीं हो सका है, उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को अभिभावकों से संपर्क कर आधार बनवाने के लिए कहा गया है। अभिभावकों के खाते में जल्द धनराशि भेजी जाएगी। समीर, बेसिक शिक्षा अधिकारी