आगराः तहसील सदर में आगरा उत्तर, दक्षिण, कैंट और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के मतदाता पंजीकरण केंद्र खुले हुए हैं। इन केंद्रों में मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए फार्म छह दिया जा सकता है। साथ ही बूथ लेवल कर्मचारियों का भी डाटा फीड होता है और ड्यूटी की जानकारी दी जाती है। केंद्रों में ड्यूटी हटवाने का खेल चल रहा है। छह साल में सात कर्मचारियों को हटाया गया है।
सिंचाई विभाग के पंप आपरेटर गिरजेश नागर को सात साल पूर्व मतदाता पंजीकरण केंद्र से संबद्ध किया गया था। सबसे पहले उत्तर विधानसभा में तैनाती की गई थी जबकि दो साल पूर्व ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी मिली थी। पश्चिमपुरी के बीएन पुरम निवासी गिरजेश नागर के विरुद्ध पूर्व में दो शिकायतें हो चुकी हैं जबकि सात कर्मचारियों को हटाया गया। ड्यूटी लगने से पहले ही पंजीकरण केंद्र के कर्मचारी संबंधित कर्मचारी को फोन करते हैं। जैसे ही कर्मचारियों की बूध लेवल अधिकारी पद पर ड्यूटी लगती है। कई कर्मचारी ड्यूटी हटवाने के लिए मतदाता सेवा केंद्रों में पहुंचते हैं। इसमें दिव्यांग कर्मचारी और महिला कर्मचारी भी शामिल होती हैं। केंद्र के कर्मचारी दस से 15 हजार रुपये की मांग करते हैं। पैसे मिलते ही ड्यूटी हटवाने के लिए प्रार्थना पत्र लिखवाया जाता है। प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष समस्या को बढ़ा चढ़ाकर बताया जाता है और फिर बिना जांच के ही ड्यूटी हट जाती है।
बीस हजार कर्मचारियों की लग रही है ड्यूटी
लोकसभा चुनाव-2024 में बीस हजार कर्मचारियों की ड्यूटी लग रही है। डाटा फीडिंग का कार्य चल रहा है। ड्यूटी कटवाने के लिए हर दिन तहसीलों और कलक्ट्रेट में कर्मचारी पहुंच रहे है।
लापरवाह हुए अधिकारी
आगरा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की प्रभारी एसडीएम सदर नवोदिता शर्मा है। एस डीएम और तहसीलदार सदर रजनीश वाजपेयी द्वारा एक माह से केंद्र का निरीक्षण नहीं किया गया है.