■ 30 सितंबर तक जिन स्कूलों में नामांकन नहीं होंगे, वैसे स्कूलों को बंद करने पर विभाग करेगा विचार
जिन इंटर सरकारी स्कूलों में फिलहाल एक भी छात्र-छात्रा का नामांकन नहीं है, वहां भी आठ विषयों के शिक्षकों की तैनाती होगी. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी डीएम से कहा है कि राज्य के शून्य नामांकन वाले नव उत्क्रमित उच्च विद्यालय (नौ से 12 वीं तक) में सभी विषयों के अध्यापकों को वहां भेजा जाना चाहिए. ऐसे स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 10 से 15 हो सकती है. एसीएस ने जिला पदाधिकारियों से आग्रह किया है कि पंचायत स्तरीय
नव उत्क्रमित विद्यालयों में भी शिक्षकों के पदस्थापन का प्रस्ताव विभाग को भेजें.
एक भी छात्र स्कूल आता है, तो उसे पढ़ायेंगे पांच से सात शिक्षक अपने पत्र में श्री पाठक ने कहा कि कक्षा नौ से 10 और कक्षा 11 से 12 में यदि एक भी विद्यार्थी आता है, तो उसे पढ़ाने के लिए पांच से सात शिक्षक
अनिवार्य रूप से भेजे जाने चाहिए. ऐसे विद्यालयों में अध्यापकों की तैनाती में विलंब न करें. जब तक कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों के नामांकन में इजाफा न हो, तब तक उन स्कूलों में भेजे गये अध्यापक मूल मध्य विद्यालय में पढ़ाते रहेंगे. केके पाठक ने जिला पदाधिकारियों को सलाह दी है कि 30 सितंबर
तक अगर किसी स्कूल में कोई एडमिशन नहीं होता है, तो वैसे स्कूल को विभाग बंद करने पर विचार करेगा और यहां पदस्थ अध्यापकों को दूसरे स्कूल में पदस्थापित कर दिया जायेगा. नामांकन न होने के पीछे बतायी
यह वजह : अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जिन प्लस टू उत्क्रमित विद्यालयों में विद्यार्थियों ने नामांकन इसलिए नहीं कराया है, वहां अध्यापक ही नहीं थे. विद्यार्थी भी इसी बात की प्रतीक्षा कर रहे हैं कि कब उनके गांव में में नये खुले हुए विद्यालय में अध्यापक पढ़ाने आयेंगे.