कानपुर, । नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) के दायरे में आने वाले कानपुर के 26 शिक्षकों को रिटायरमेंट के सात साल बाद भी पेंशन न मिलने का मुद्दा गुरुवार को विधान परिषद में उठा। विधान परिषद में प्रकरण उठते ही विभाग में हड़कंप मच गया। लखनऊ और प्रयागराज से अब तक मिली ग्रांट और भुगतान का ब्योरा मांगा जा रहा है।
शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल और विधान परिषद सदस्य डॉ. आकाश अग्रवाल ने गुरुवार को विधान परिषद में नियम-111 के अंतर्गत नई पेंशन का मुद्दा उठाया। कानपुर नगर र में में माध्यमिक शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के रिटायरमेंट के बाद अब तक भुगतान न होने और इनकी नई पेंशन न बनाए जाने पर सवाल किया। वर्ष 2016 के बाद से 26 रिटायर हो चुके हैं लेकिन केवल एक की पेंशन बन सकी है। हिन्दुस्तान ने 22 दिसंबर को प्रमुखता से उठाया था।
विभागों में हड़कंप: करोड़ों की ग्रांट आने के बाद भी नई पेंशन के प्रकरणों का निपटारा न हो पाने से अब हड़कंप की स्थिति है। प्रयागराज और लखनऊ कार्यालयों से भी ग्रांट की जानकारी मांगी जा रही है।
जब से शिक्षकों का
रिटायरमेंट हुआ तब से अनेक बार प्रयास किए गए पर अफसरों ने कभी गंभीरता से नहीं लिया। सदन में मुद्दा उठने के बाद आस बंधी है। रिटायर शिक्षकों की आर्थिक स्थितिखराब है। – अखिलेश यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अटेवा
केवल कानपुर की ही प्रदेश की ऐसी स्थिति है। इसके लिए सभी जनपदों से आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। एनपीएस में रिटायर शिक्षकों को भुगतान व पेंशन न देने की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए । – सत्येंद्र शुक्ला, मंडल अध्यक्ष, माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट)