लखनऊ, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड की ओर से आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में कथित पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। एक तरफ अभ्यर्थी परीक्षा निरस्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ विरोधी दलों ने भी इस मुद्दे पर मोर्चा खोल दिया है। भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों को शुक्रवार को शाम छह बजे तक ई-मेल से साक्ष्यों व प्रमाणों के साथ अपना प्रत्यावेदन देने का मौका दिया था। बोर्ड का कहना है कि वह प्रत्यावेदन का परीक्षण करने के बाद अभ्यर्थियों के हित में फैसला लेगा।
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने का आरोप लगाते हुए हजारों अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को लखनऊ के ईको गार्डन में जोरदार प्रदर्शन किया और लिखित परीक्षा दोबारा कराने की मांग की। अभ्यर्थी शाम तक ईको गार्डन में जमा रहे। इस दौरान ईको गार्डन में बड़ी संख्या में पुलिस और पीएसी बल भी मौजूद रहा। झांसी में आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने समथर, पूंछ सहित अन्य क्षेत्रों में धरना-प्रदर्शन किया। उन्होंने पैदल मार्च निकाला और नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने झांसी-कानपुर हाईवे जाम कर दिया। गोरखपुर, मेरठ व शामली में भी प्रदर्शन हुआ।
भर्ती बोर्ड को सबूत सौंपने का दावा, जांच के बाद कार्रवाई
भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों को शुक्रवार को शाम छह बजे तक ई-मेल से साक्ष्यों व प्रमाणों के साथ अपना प्रत्यावेदन देने का मौका दिया था। अभ्यर्थियों के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को भर्ती बोर्ड के अधिकारियों से मुलाकात की और ज्ञापन दिया। उनका दावा है कि प्रश्नपत्र लीक होने के साक्ष्य भी दिए गए हैं। अभ्यर्थियों के अनुसार बोर्ड ने जांच के बाद कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।