शाहजहांपुर। परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए फरवरी से अभियान शुरू किया जाएगा, इसके साथ ही स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की जांच के लिए भी टीमें गठित की जाएंगी।
परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की कम उपस्थिति को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारी चिंतित हैं, उपस्थिति बढ़ाने के लिए कई तरह के प्रयास किये जा चुके हैं, लेकिन सफलता नहीं पायी है। बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए निदेशालय के अधिकारियों ने तैयारी पूर्ण कर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए बीएसए से कहा है, अभी औसतन 70 प्रतिशत तक विद्यार्थी ही विद्यालय आ रहे हैं। पिछले महीनों के रिकार्ड को देखते हुए इसमें सुधार के निर्देश दिए गए हैं।
ऐसे में शिक्षक अब अभिभावकों से संपर्क साधेंगे और उन्हें विद्यार्थियों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करेंगे। इतना ही नहीं चार दिन से अधिक अनुपस्थित होने पर छात्र के घर शिक्षक जाएंगे।महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि एक से लेकर 29 फरवरी तक विद्यालयों का विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा।
देखा जाएगा कि विद्यालयों में शिक्षक समय पर पहुंच रहे हैं या नहीं, विद्यार्थियों की उपस्थिति कितनी है और विभिन्न सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की क्या स्थिति है। अगर विद्यार्थी चार से अधिक दिन अनुपस्थित है तो शिक्षक उसके घर जाएंगे और अभिभावक को बताना होगा कि बच्चा स्कूल क्यों नहीं आ रहा था।
सात जिलों में 70 फीसदी से अधिक 68 जिले फिसड्डी रहे
बच्चों की उपस्थिति के मामले में सिर्फ बागपत, बुलंदशहर, शामली, बस्ती, सोनभद्र, अंबेडकर नगर और महोबा ऐसे जिले हैं जहां पर 70 प्रतिशत से अधिक विद्यार्थी स्कूल जा रहे हैं। बाकी 68 जिलों में बीते महीनों में विद्यार्थियों की इससे कम उपस्थिति रही है।
शुरू होगा निरीक्षण अभियान
विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए अधिकारियों का निरीक्षण अभियान शुरू होगा, महानिदेशक ने बीएसए को पत्र जारी करते हुए कहा कि सभी विद्यालयों का निरीक्षण कार्य तेजी से किया जाये तथा बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए व्यापक कार्य करने के आदेश दिए हैं।