लखनऊ। केंद्र सरकार की योजना प्रधानमंत्री उच्चतर
शिक्षा अभियान (पीएम उषा) के तहत उत्तर प्रदेश को देश में सर्वाधिक अनुदान मिला है। विभिन्न मदों में लगभग 740 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसके तहत जहां राजधानी के लविवि समेत छह विवि को 100-100 करोड़ शोध की गुणवत्ता बढ़ाने तथा जर्जर भवनों के सुंदरीकरण पर अनुदान का होगा प्रयोग मिला है, वहीं छह अन्य को 20-20 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं।
छह अन्य राज्य विश्वविद्यालयों को भी 20-20 करोड़, दो अन्य को भी राशि स्वीकृत
इस अनुदान से
विश्वविद्यालयों में शोध
की गुणवत्ता बढ़ाने,
जर्जर हो चुके पुराने
भवनों के सुंदरीकरण, लैब सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश के छह विश्वविद्यालयों लखनऊ विवि लखनऊ, डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या, महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखण्ड विवि बरेली, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विवि गोरखपुर, बुंदेलखण्ड विवि झांसी, चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ को 100-100 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसी तरह विश्वविद्यालयों के सुंदरीकरण के अंतर्गत प्रदेश के चार विश्वविद्यालयों डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि आगरा, छत्रपति शाहू जी महाराज विवि कानपुर, मां शाकुम्भरी विवि सहारनपुर और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी को 20-20 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विवि जौनपुर को 19.99 करोड़, प्रो राजेन्द्र सिंह (रज्जू भईया) विवि प्रयागराज को 19.99 करोड़, जननायक चन्द्रशेखर विवि बलिया को 13.38 करोड़ और सिद्धार्थ विवि कपिलवस्तु को 6.53 करोड़ स्वीकृत हुआ है। प्रदेश में इस अनुदान का प्रयोग डिजिटल शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने, नई लैब बनाने, पुरानी लैब व क्लास के निर्माण, हॉस्टल निर्माण, पुराने भवनों के रिनोवेशन आदि मूलभूत जरूरत के लिए किया जाएगा। ब्यूरो