एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अटेवा के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा, पूरे देश में केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी 19 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक ईमेल के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से पुरानी पेंशन बहाली की गुहार लगा रहे हैं…
केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को तेज कर दिया है। इस मांग को सरकार तक पहुंचाने के लिए कर्मचारी संगठनों द्वारा रोजाना ही कोई न कोई नया तरीका अपनाया जा रहा है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के सदस्य, पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए राष्ट्रपति/प्रधानमंत्री को रोजाना हजारों ईमेल भेज रहे हैं। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अटेवा के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने कहा, पूरे देश में केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी 19 फरवरी से लेकर 25 फरवरी तक ईमेल के माध्यम से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से पुरानी पेंशन बहाली की गुहार लगा रहे हैं।।
विजय कुमार बंधु के मुताबिक, पूरे देश में सरकारी कर्मियों द्वारा लाखों ईमेल राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री को भेजी जा चुकी हैं। कर्मियों की मांग है कि पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल की जाए। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने 19 फरवरी को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर पत्र लिखा था। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को लिखे अपने पत्र में बंधु ने कहा है कि देश के करोड़ों कर्मचारी, पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित हैं। इसके चलते कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित एवं अंधकारमय हो गया है। अन्य कर्मियों के साथ ही देश का शिक्षक समुदाय भी अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित है। पुरानी पेंशन का मामला, एक करोड़ शिक्षकों-कर्मचारियों के साथ-साथ एक परिवार के पांच सदस्य, यानी लगभग 5 करोड़ लोगों से सीधा जुड़ा है। ऐसे में केंद्र सरकार को ओपीएस लागू करनी चाहिए।
बंधु का कहना है कि सरकारी कर्मियों की इस मांग में केंद्रीय अर्धसैनिक बल भी शामिल हैं। देश के लिए अपनी जान न्यौछावर करने वाले अर्धसैनिक बलों को भी पुरानी पेंशन व्यवस्था से वंचित कर दिया गया है। यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश की आन बान शान का प्रतीक केंद्रीय अर्धसैनिक बल, जो अपना बलिदान देकर राष्ट्र की सुरक्षा करते हैं, उन्हें भी ओपीएस से वंचित कर दिया गया है। बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना, अन्यायपूर्ण व कष्टदायक है। प्रत्येक राज्य से रोजाना हजारों की संख्या में ई-मेल कर पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जा रही है। देश का पेंशन विहीन कर्मचारी वर्ग, जिसमें शिक्षकों सहित सभी विभागों के कर्मी शामिल हैं, वे लोकसभा चुनाव से पूर्व पेंशन बहाली की उम्मीद कर रहे हैं। एनपीएस में शामिल कर्मचारी को 700 रुपये से 1200 रुपये तक पेंशन मिल रही है। किसी कर्मचारी को 1800 रुपये एवं 2500 रुपये तक बतौर पेंशन मिल रहे हैं।
एनएमओपीएस के पदाधिकारियों के मुताबिक, आंदोलन के कई चरण होते हैं। विभिन्न समय पर अलग-अलग माध्यम से इस मुद्दे को शासन-प्रशासन के सामने रखा जाता है। राष्ट्रीय महासचिव स्थितप्रज्ञा ने कहा, भारत सरकार को अब पुरानी पेंशन बहाली पर सकारात्मक रुख अपनाना होगा, क्योंकि कोविड में इन्ही सरकारी कर्मचारियों ने अपनी जान की बाजी लगाकर देशवासियों की सेवा की है। संगठन के राष्ट्रीय सचिव व अटेवा के प्रदेश महामंत्री डॉ. नीरज पति त्रिपाठी ने कहा कि अब कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए आर-पार की लड़ाई के लिये कमर कस चुका है। पुरानी पेंशन बहाल होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। पुरानी पेंशन, सरकारी कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी है, इसलिए सरकार सामाजिक सुरक्षा रूपी इस लाठी को मजबूत करने के लिए पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय ले।