चंदौली। UP Board Exam: 22 फरवरी से प्रारंभ होने वाली माध्यमिक शिक्षा परिषद की वार्षिक परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें गांव से केंद्र पर पहुंचने के लिए रोडवेज बस की सुविधा मिलेगी।
शासन ने इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवा शुरू करने की योजना बनाई है। इसे सफल बनाने के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र भेजा गया है। निर्देश दिए हैं कि परिवहन निगम व शिक्षा विभाग के अधिकारी दोनों पालियों में परीक्षार्थियों को केंद्र तक पहुंचाने के लिए मार्ग व समय निर्धारित कर संचालन कराएंगे।
शासन के निर्देशानुसार शिक्षा विभाग ने शनिवार को केंद्रों की जानकारी सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को भेजा है। परीक्षार्थियों की समस्या को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
भविष्य में भी मिल सकती है राहत
दरअसल, यूपी बोर्ड की परीक्षा के दौरान रूट खुलने से भविष्य में ग्रामीण क्षेत्र के आम लोगों को भी राहत मिल सकती है। बोर्ड परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए रोडवेज बसों का संचालन परीक्षार्थियों के लिए एक अच्छा कदम है। वहीं, रोडवेज बसों के संचालन को रूट बनाने की कवायद को दूरगामी बेहतर परिणाम की नजर से देखा जा सकता है।
ग्रामीण रूटों पर बसों का संचालन लाभकारी रहा। तो इन रूटों पर स्थाई बसों का चलाया जाना संभव हो सकता है। इससे ग्रामीणों को अपने-अपने गांवों तक पहुंचने के लिए डग्गामार वाहनों की निर्भरता खत्म हो जाएगी। परीक्षा के दौरान संचालित होने वाली बस में सीट रिक्त होने पर ग्रामीण भी उसमें सवार हो सकेंगे। डीआइओएस के अनुसार परिवहन निगम रूटों का किराया भी निर्धारण करेगा। इसका भुगतान परीक्षार्थियों को करना होगा।
लोड फैक्टर बढ़ा तो बंद नहीं होगा संचालन
एआरएम उमाशंकर त्रिपाठी ने बताया कि परीक्षा के दौरान 22 फरवरी से नौ मार्च के बीच रोडवेज बसों के संचालन की व्यवस्था कराई जा रही। जिन रूटों पर बसें चलेंगी, उन पर यदि लोड फैक्टर बढ़ता है तो संचालन बंद नहीं होगा। इस व्यवस्था से परीक्षार्थियों को सहूलियत के यात्रियों को निगम की सेवा उपलब्ध होगी। इससे निगम की आय में वृद्धि भी होगी।
चंदौली जिला विद्यालय निरीक्षक जयप्रकाश के अनुसार, बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए यह पहल अच्छी है। क्षेत्रीय सहायक प्रबंधक परिवहन को परीक्षा समय सारिणी व केंद्रों की सूची भेजी गई है। प्रबंधकों से बसों का समय व स्थान निर्धारण करने को कहा गया है। इसके बाद स्कूलों के माध्यम से छात्रों को जानकारी देते हुए परिवहन की सुविधा दी जाएगी।