आगरा, प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को अंधाधुंध निलंबित करने के मामले में महानिदेशक शिक्षा ने सख्त रुख अपनाया है। महानिदेशक शिक्षा ने यूपी के कई जिलों के बीएसए को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। इसमें आगरा जनपद प्रदेश में टॉप-5 में शामिल है।
बीएसए ने शिक्षकों को निलंबित तो कर दिया, लेकिन, पोर्टल पर कार्रवाई दर्ज करना भूल गए। निलंबित शिक्षकों को बिना दंड दिए ही बहाल कर दिया। लघु दंड देकर शिक्षकों को बहाल किया गया है। कुछ बड़ा दंड देकर बहाल किया है। निलंबन व बहाली की प्रक्रिया पर संदेह होते ही महानिदेशक शिक्षा ने आगरा सहित शाहजहांपुर, बरेली, खीरी, पीलीभीत, बदायूं व हरदोई समेत 71 जिलों को नोटिस जारी कर नाराजगी जताई है।
आगरा में 29 शिक्षक निलंबित
निलंबन बहाली के खेल में आगरा भी पीछे नहीं रहा है। बीते दो महीने में 29 शिक्षक निलंबित किए हैं। इसके साथ ही महाराजगंज में 31, उन्नाव में 22, बलरामपुर में 22, हरदोई में 21, देवरिया में 20, कासगंज, फर्रुखाबाद, प्रयागराज व हापुड़ में 19 शिक्षकों को निलंबित किया गया।
बिना दंड के 10 शिक्षक बहाल
शिक्षकों को गलती की सजा देने के लिए निलंबित करने का प्रावधान है। विभाग के कर्मचारी व अधिकारियों ने इसे भ्रष्टाचार का जरिया बना दिया है। स्थिति ये है कि आगरा बीएसए ने 10 शिक्षकों को बिना दंड दिए ही बहाल कर दिया है। महाराजगंज में 28, कासगंज में 14, उन्नाव में 12, अमरोहा, कानपुर नगर, मिर्जापुर में 11, हरदोई में 10 शिक्षक निलंबन किए हैं।