प्रयागराज, परिषदीय शिक्षकों के निलंबन-बहाली के खेल को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने सख्त रुख अपनाया है। एक अप्रैल 2023 से शुरू हुई ऑनलाइन बहाली के डेटा का विश्लेषण करने पर मनमानी खुलकर सामने आ गई है। इस दौरान 281 शिक्षक बिना किसी कार्रवाई के बहाल कर दिए गए। महानिदेशक ने छह फरवरी को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को लिखे पत्र में इस स्थिति पर आपत्ति जताई है। उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अनुसार निलंबन तब तक नहीं करना चाहिए जब तक कि सरकारी सेवक के विरुद्ध अभिकथन इतने गंभीर न हों कि उनके स्थापित हो जाने की दशा में बड़ी कार्रवाई का आधार बन सके। लेकिन अनुशासनिक कार्रवाई के विश्लेषण से पता चलता है कि कुछ जिलों में निलंबन के बाद बिना किसी दंड (न तो दीर्घ न ही लघु) के ही निलंबन बहाल किया गया है। इससे ऐसा लगता है कि बिना किसी ठोस आधार के ही निलंबित किया जा रहा है या निलंबन के बाद शासनादेशों और निर्देशों का पालन किए बिना ही बहाली की जा रही है।
महाराजगंज में सर्वाधिक 28 शिक्षक बिना कार्रवाई बहाल
निलंबन-बहाली के खेल में सबसे आगे महाराजगंज जिला है। यहां दस महीने में 28 शिक्षक बिना किसी कार्रवाई के बहाल किए गए हैं। कासगंज में 14, उन्नाव 12, अमरोहा, कानपुर नगर व मीरजापुर 11-11, आगरा व हरदोई में 10-10 शिक्षकों को पहले निलंबित किया गया और फिर बिना किसी कार्रवाई के बहाली कर दी गई। इसी प्रकार प्रयागराज, फर्रुखाबाद, गोरखपुर व जौनपुर में आठ- आठ शिक्षकों को बहाल किया गया है।