यूपी के सरकारी विद्यालय में छात्रों को कलावा और चंदन लगाने पर प्रतिबंध, प्रिंसिपल और टीचर पर लगे कई आरोप
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में सरकारी स्कूल से जुड़ा एक हैरान कर देने वाला मामल सामने आया है। दरअसल, वहां के छात्रों ने एक शिक्षामत्र पर आरोप लगाया है कि वह उन्हें हाथो में कलावा बांधने और माथे पर चंदन लगाने पर रोक लगा दी हैं। साथ ही स्कूल की प्रधानाध्यपिका पर ऑफिस में नमाज पढ़ने का आरोप भी लगाया गया है। हालांकि, स्कल के दोनों शिक्षकों ने अपने ऊपर लगाए गए इलजामों को गलत करार दिया है। इस मामले में खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से जांच करने का आश्वासन दिया है।
शिक्षामित्र पर छात्रों ने लगाया आरोप
यह घटना यूपी के बढ़नी शहर स्थित एक प्राथमिक विद्यालय की है। इस विद्यालय में पढ़ रही एक बच्ची के माता पिता ने बढ़नी मंडल के भाजपा युवा मोर्चा महामंत्री दुर्गेश पांडेय से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि उनकी बच्ची इस प्राथमिक पाठशाला में पढ़ने जाती है। यहां एक शिक्षामित्र है जिन्होंने यहां के विद्यार्थीयों को कलावा बांधने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा माथे पर चंदन लगाने पर भी रोक लगा दी है। अभिभावक ने बताया कि विद्यालय में यह शिक्षामित्र धर्म के नाम पर भी कई तरह की अपमानजनक टिप्पणी करते हैं। इसके बाद भाजपा नेता दुर्गेश पांडेय अपने सहयोगियों के साथ विद्यालय चले गए। इस दौरान आरोप लगाने वाले बच्ची के माता पिता भी उनके साथ गए थे।
भाजपा नेता ने बुलाई पुलिस
अपने ऊपर लगे आरोप को शिक्षामित्र ने गलत ठहराते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ भई नहीं किया है। कक्षा में शिक्षामित्र पर आरोप लगाने वाली बच्ची को बुलाया पूछताछ के लिए बुलाया गया था। तब बच्ची ने कहा कि सर छात्रों को कलावा और चंदन लगाने के लिए मना करते हैं। इसके अलावा बच्चों ने स्कूल में प्रधानाध्यापिका पर भी आरोप लगाया कि वह अपने ऑफिस में नमाज पढ़ती है। जिसके चलते भाजपा नेता ने 112 नंबर डायल करके पुलिस को स्कूल में बुला लिया।
विद्यालय के प्राधानाध्यापिका और शिक्षामित्र ने कहा कि उन पर लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। इस मामले को लेकर खंड शिक्षा अधिकारी रामू ने बताया है कि घटना की सच्चाई जानने के लिए जांच चल रही है। अगर इस मामले में शामिल किसी भी लोगों क कोई भी दोषी पाया जाता है, तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी।