बरेली। बेसिक स्कूलों में डिजिटल हाजिरी लगाने का आदेश अभी प्रभावी नहीं हो पाया है। पूरे प्रदेश में सिर्फ तीन फीसदी स्कूलों में ही डिजिटल हाजिरी लग रही है। 18.8 फ़ीसदी स्कूलों में डिजिटल हाजिरी लगाकर मैनपुरी नंबर वन है। बरेली में सिर्फ 3.5 प्रतिशत स्कूलों में ही ऑनलाइन हाजिरी लग पा रही है। संसाधनों के अभाव के चलते शिक्षक डिजिटल हाजिरी के विरोध में हैं।
बेसिक स्कूलों में 15 फरवरी से रोजमर्रा के रजिस्टरों को डिजिटल करने का निर्देश जारी हुआ था। इसमें
एमडीएम रजिस्टर के साथ-साथ ऑनलाइन हाजिरी का रजिस्टर भी शामिल है। विभाग की मंशा है कि स्कूलों को जब टैबलेट दिए जा चुके हैं. तो वहां हर हाल में डिजिटल हाजिरी लगनी चाहिए मगर संसाधनों की कमी इसमें बाधा बन रही है। सबसे बड़ी समस्या ट्रेनिंग न मिलने की है। शिक्षकों का कहना है कि बिना ट्रेनिंग डिजिटल हाजिरी लगाना संभव नहीं है।
एक और बड़ी समस्या सिम और रिचार्ज का न होना भी है। हालांकि इसके लिए शासन स्तर से बजट का निर्धारण हो चुका है। प्राथमिक शिक्षक संघ के मांडलिक मंत्री मुकेश सिंह चौहान कहते हैं कि विभाग ने जल्दबाजी में डिजिटल हाजिरी को लागू किया है। शिक्षकों से उनकी आईडी पर सिम लेने के लिए कहा जा रहा है जो कि न्याय संगत नहीं है। जब तक शिक्षकों की मांगों को नहीं माना जाएगा तब तक डिजिटल हाजिरी लागू नहीं हो पाएगी।
शाहजहांपुर में 4.2 फीसदी हाजिरी लगी
बरेली मंडल में डिजिटल हाजिरी के आकड़ों को देखा जाए तो 15.8 फीसदी के साथ पीलीभीत तीसरे स्थान पर है। बदायूं में 6.4 फीसदी स्कूलों ने डिजिटल हाजिरी मार्क की है। बरेली में सिर्फ 3.2 और शाहजहांपुर में 4.2 फीसदी स्कूलों ने ऑनलाइन हाजिरी के आदेश का पालन किया है। खीरी में 4.7 फीसदी हाजिरी लगी है।