यूपी पुलिस में 60 हजार पदों पर 17 और 18 फरवरी को होने वाली सिपाही भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग की सेंधमारी रोकने के लिए हाईटेक तरीका अपनाया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से फ्राड करने पर भी पुलिस सॉल्वर को पकड़ लेगी। वैज्ञानिक तरीके से तीन तरह से जांच की जाएगी। आधार आंथेटिकेशन की मदद से ओटीपी जनरेट कर भी जांच होगी। इसके साथ ही ब्लूटूथ डिवाइस पकड़ने के लिए भी जांच टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। सर्विलांस की मदद से एसटीएफ भी नजर रख रही है।
परीक्षा के नोडल अफसर डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि बायोमीट्रिक जांच से अभ्यर्थी की पहचान की जाएगी। इसमें दो तरीके से जांच होगी। पहला फिंगर प्रिंट और दूसरा फेस रिकग्निशन। अगर इसके बाद भी कोई आंशका हुई तो तीसरा तरीका आधार आथेंटिकेशन का अपनाएंगे। अभ्यर्थी का आधार मोबाइल नंबर पर रजिस्टर्ड होगा। अगर फर्जी आधार कार्ड होगा तो पता चल जाएगा। दूसरा उस मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी जनरेट होगा। इससे पता लगाना आसान हो जाएगा कि अभ्यर्थी असली है या उसकी जगह पर कोई सॉल्वर परीक्षा देने आया है।
प्रतियोगी परीक्षा में सॉल्वर गैंग हर बार सेंधमारी की कोशिश करते हैं। प्रयागराज में डॉ. केएल पटेल से लेकर बिहार के सॉल्वर गैंग तक सक्रिय रहते हैं। शातिर परीक्षा की तैयारी पहले से करते हैं। बीती परीक्षाओं में पुलिस ने खुलासा किया था कि सॉल्वर और अभ्यर्थी की फोटो मिक्स कर फर्जी फोटो बनाई गई। उसी फोटो को प्रवेश पत्र पर लगाकर सॉल्वर परीक्षा देने पहुंचा था।
इस बार एआई की मदद से फोटो बनाने की आशंका में पुलिस ने वैज्ञानिक तरीके से जांच की योजना बनाई है। परीक्षा में सतर्कता के लिए खास निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि 17 फरवरी से होने वाली परीक्षा में प्रयागराज में हर पाली में करीब 69 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले हैं।