लखनऊ, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवाओं के हित में शनिवार को बड़ा निर्णय लेते हुए नागरिक पुलिस में सिपाही के 60,244 पदों के लिए हुई पुलिस भर्ती परीक्षा-2023 को निरस्त कर दिया है। छह महीने में परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। इसी के साथ मुख्यमंत्री ने लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी भर्ती परीक्षा की भी जांच कराने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री ने यह फैसला पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में समीक्षा करने के बाद किया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इन भर्तियों को छह माह के भीतर ही पूर्ण शुचिता के साथ आयोजित किया जाए। इस बैठक में डीजीपी प्रशांत कुमार, प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। पुलिस भर्ती बोर्ड की अध्यक्ष रेणुका मिश्रा भी मौजूद थीं।
दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई मुख्यमंत्री ने एक-एक कर सभी शिकायतों की बारीकी से जानकारी ली और उनके बारे में साक्ष्यों की पड़ताल की। इसके बाद युवाओं की मेहनत और परीक्षा की शुचिता से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसटीएफ को सख्ती से जांच करने और दोषियों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई करने को कहा।
300 से ज्यादा गिरफ्तार यह परीक्षा 17-18 फरवरी को प्रदेश के सभी 75 जिलों में 2385 केंद्रों पर दो-दो पालियों में हुई थी। करीब 48 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा की गोपनीयता भंग करने वाले एसटीएफ की रडार पर पहले से थे। जिलों की पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर प्रदेश भर में सॉल्वर गैंग और नकल करने वाले 300 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ की कार्रवाई अभी भी जारी है।
देश में टॉप ट्रेंड में रहा योगी विद यूथ
लखनऊ। परीक्षा निरस्त करने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर पूरे देश में टॉप ट्रेंड में रहा। फैसले की जानकारी मिलते ही योगी विद यूथ पर धड़ाधड़ पोस्ट होने लगी और देखते-देखते 7347 तक पहुंच गई।
इको गार्डेन में धरना दे रहे अभ्यर्थियों ने इस फैसले पर जमकर जश्न मनाया।
बोर्ड के पास पहुंचीं पेपर लीक की 1500 शिकायतें
पेपर लीक होने के संबंध में 1500 शिकायतें मिली हैं। भर्ती बोर्ड ने अभ्यर्थियों से शुक्रवार को शाम छह बजे तक ई-मेल से साक्ष्यों व प्रमाणों के साथ अपना प्रत्यावेदन देने को कहा था। ई-मेल से मिली शिकायतों के अलावा अभ्यर्थियों के एक सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को भर्ती बोर्ड के अफसरों को ज्ञापन दिया था। अभ्यर्थियों का कहना है कि ज्ञापन के साथ पेपर लीक होने के साक्ष्य भी दिए गए हैं।
आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा की भी जांच
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोकसेवा आयोग द्वारा समीक्षा अधिकारी (आरओ)- सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की शिकायतों की जांच कराने का भी फैसला किया है। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने शिकायतकर्ताओं से ईमेल- आईडी[email protected] पर 27 फरवरी तक शिकायतें आमंत्रित की हैं ताकि उनकी जांच की जा सके। लोकसेवा आयोग प्रयागराज द्वारा यह परीक्षा 11 फरवरी को आयोजित की गई थी।