प्रयागराज। उच्च शिक्षा विभाग में कार्यरत बाबुओं की पदोन्नति को लेकर रार मची है। इस मामले को लेकर कुछ कर्मचारी हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं। 2019 में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग से उच्च शिक्षा निदेशालय एवं प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी कार्यालयों/राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी के लिए 148 कनिष्ठ सहायकों की नियुक्ति हुई थी।
इनमें से उच्च शिक्षा निदेशालय में तैनात कनिष्ठ सहायकों को रिक्त प्रधान सहायक के पदों पर पांच वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण होते ही पदोन्नति का अवसर देने की तैयारी है, जबकि 2019 में इन्हीं के साथ चयनित एवं दूसरे कार्यालयों में कार्यरत बाबुओं को अभी तक प्रथम पदोन्नति का लाभ भी नहीं मिल सका है। कनिष्ठ सहायकों की अभी तक ज्येष्ठता सूची भी जारी नहीं की गई है। उत्तर प्रदेश राजकीय महाविद्यालय शिक्षणेत्तर कर्मचारी परिषद के संरक्षक आरबी थापक ने उच्च शिक्षा निदेशक को पत्र लिखा है कि अन्य कार्यालयों में कार्यरत कनिष्ठ सहायकों को पदोन्नति नहीं मिली तो आंदोलन को बाध्य होंगे।